बीएसएल में नए ठेका श्रमिकों की बहाली पर रोक
बोकारो बोकारो इस्पात संयंत्र में नए ठेका श्रमिकों की बहाली पर अगले आदेश तक के लिए रोक
बोकारो : बोकारो इस्पात संयंत्र में नए ठेका श्रमिकों की बहाली पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी गई है। प्रबंधन यह निर्णय कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर ली है। बीएसएल में नए ठेका श्रमिकों की बहाली से पूर्व उन्हें संयंत्र में काम-काज का दो दिवसीय सेफ्टी ट्रेनिग दिया जाता है, जहां श्रमिकों को संयंत्र की गतिविधियों की जानकारी के साथ उनकी लिखित परीक्षा ली जाती है। परीक्षा में सफल उम्मीदवार ही गेटपास बनाने के हकदार होते है। इस पर अब विराम लग गया है। बोकारो इस्पात के सेक्टर दो सुरक्षा प्रशिक्षण भवन को गुरुवार से अगले आदेश तक के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इसलिए फिलहाल संयंत्र में किसी नए ठेका श्रमिकों की बहाली नही हो सकेगी।
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- वर्तमान ठेका मजदूरों के गेटपास का होगा नवीकरण -
बोकारो इस्पात संयंत्र में नए ठेका श्रमिकों के गेटपास पर रोक के साथ ही वर्तमान में कार्यरत ठेका श्रमिकों के गेटपास को छह माह के लिए नवीकरण किया जाएगा। बीएसएल में सभी कैटेगरी के ठेका श्रमिकों का गेटपास नवीकरण करने से पहले उन्हें सेफ्टी ट्रेनिग दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सेफ्टी ट्रेनिग पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। ऐसे में संयंत्र में मैनपावर की कोई समस्या उत्पन्न नही हो, इसलिए वर्तमान में कार्यरत श्रमिकों का गेटपास बगैर सुरक्षा प्रशिक्षण के छह माह के लिए बढ़ाने का फैसला लिया गया है। प्रबंधन का तर्क है की वर्तमान में कार्यरत ठेका मजदूर गेटपास बनाने से पूर्व सुरक्षा प्रशिक्षण ले चुके है। साथ ही संयंत्र में काम करते उन्हें सभी गतिविधियों की जानकारी अच्छी तरह से प्राप्त हो जाती है। इसलिए परिस्थिति को देखते हुए उनके गेटपास के कार्य अवधि को बढ़ाया जा रहा है। मालूम हो की बीएसएल में सेलकर्मियों की तुलना में ठेका श्रमिकों की संख्या तीन गुणा ज्यादा है। ऐसे में, उनके गेटपास का नवीकरण नहीं किये जाने से इसका सीधा असर कंपनी के उत्पादन पर होगा। इधर प्रबंधन संयंत्र परिसर में कोरोना की रोकथाम के लिए अलग-अलग विभाग में सैनिटाइज करने का काम शुरू कर दी है। सभी विभाग के प्रमुख को ताकीद किया गया है कि आने वाले कुछेक समय तक विभागीय स्तर पर होने वाली सभी नियमित बैठक को रद कर दें। महत्वपूर्ण बैठक स्वास्थ्य विभाग के एसओपी का पालन करते हुए ही की जाए।