मंत्रालय करेगा पे रिवीजन, सेल के पास फंड नहीं
जागरण संवाददाता बोकारो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में वेतन पुनरीक्षण के
जागरण संवाददाता, बोकारो : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में वेतन पुनरीक्षण के मसौदे पर इस्पात मंत्रालय व कंपनी प्रबंधन के अलग-अलग सुर है। 10 जुलाई को नई दिल्ली में कंपनी का सालाना 2019-20 का वार्षिक वित्तीय परिणाम जारी होने के बाद सेल को कर पूर्व लाभ 3170.66 करोड़ हुआ। जिसके बाद अधिकारी संगठन से लेकर कर्मचारी के संगठन पे रिवीजन को लेकर रेस हो गए। इसी कड़ी में इस्पात राज्यमंत्री ने बीते 16 जुलाई को सेल एससी-एसटी फेडरेशन के सदस्यों के साथ विडियो संवाद में आश्वस्त किया कि पे रिवीजन पर मंत्रालय की ओर से पूरी सहमति है। मंत्रालय के इस आश्वासन के बाद मामला अब फंड पर आकर अटक गया है। चूंकि कंपनी के वार्षिक वित्तीय परिणाम में जो मुनाफा प्रबंधन को हुई है। उसकी अंतिम आय-व्यय का हिसाब कैबिनेट कमेटी की ओर से जारी बैलेंस सीट से होगा। इस दौरान सेल का पहला फोकस अपने बैक कर्ज को कम करना है। जबकि अधिकारियों के पे रिवीजन को भी प्रबंधन प्राथमिकता दे रही है। ऐसे में एक साथ अधिकारी-कर्मचारी दोनों का पे रिवीजन होना मुमकिन नही दिख रहा है, जब तक की कर्मचारियों के लिए इस मद में अलग से कोई अग्रिम राशि का उपाय नही किया जाए।
गौरतलब है कि सेल के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश कुमार सिंह अपने सेवानिवृत्ति से पूर्व कर्मचारियों के पे रिवीजन के लिए 308.24 करोड़ रुपये इस मद में जमा कर रखा था। लेकिन कंपनी के वर्तमान अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर एकाउंटेंट के रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस राशि को वापस सरकार को लौटा दिया था। इंडियन इंस्टीच्यूट ने अध्यक्ष के इस फैसले को सही ठहराते हुए इसे डीपीई के गाइडलाइन का पालन बताया था। ऐसे में सवाल उठता है कि जब कंपनी के पास कर्मचारियों के पे रिवीजन के लिए कोई अग्रिम राशि जमा नहीं है तो वेतन पुनरीक्षण पर मंत्रालय क्या करेगा।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि सेल के वर्तमान अध्यक्ष एके चौधरी दिसंबर 2020 में अपने पद से रिटायर हो रहे है तो वे अपने कार्यकाल में ही रिवीजन का निपटारा कर सकते है। कंपनी में अधिकारी व कर्मचारी दोनों का वेतन पुनरीक्षण 1 जनवरी 2017 से लंबित है।