बच्चों के विकास में आचार्य व अभिभावकों का विशेष योगदान
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जैनामोड़ में आचार्य व अभिभावक सम्मेलन का आयोजन गुरुवार को किया गया। इस दौरान बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
संस, जैनामोड़: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जैनामोड़ में आचार्य व अभिभावक सम्मेलन का आयोजन गुरुवार को किया गया। इस दौरान बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। मौके पर मुख्य अतिथि रवींद्र प्रसाद देव ने कहा कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य निर्माण मे अभिभावक व आचार्यो की भूमिका अहम है। शिक्षक वही हैं, जो बच्चों के लिए समर्पित रहता है। स्कूल प्रबंधन समिति सचिव टीका प्रसाद ने कहा कि बच्चों की पहली अध्यापिका उनकी मां होती हैं। माता की गोद में ही बच्चों के भविष्य की नींव रखी जाती है। उन्होंने विद्या भारती के शारीरिक, पंचमुखी पक्ष आदि की जानकारी दी। प्रधानाचार्य कुश पांडेय ने कहा कि बच्चों को घर पर भी शिक्षा का माहौल दे तो उसकी पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी। मौके पर समिति अध्यक्ष मोती सिंह, जैनामोड़ चैंबर अध्यक्ष संजय सिंह, निरंजन पाठक, माधव चंद्र झा, नवकांत झा, रामेश्वर महतो, भूदेव पांडेय, रीना शंकर, दिनेश राय, कृष्णा नायक, शिवनाथ रजवार, अर्जुन विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।