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पहले दें हिसाब, फिर लड़ें चुनाव

जागरण संवाददाता बोकारो पंचायती राज निदेशक आदित्य रंजन के नये आदेश से पूरे पंचायत प्रति

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 09:56 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 09:56 PM (IST)
पहले दें हिसाब, फिर लड़ें चुनाव
पहले दें हिसाब, फिर लड़ें चुनाव

जागरण संवाददाता, बोकारो : पंचायती राज निदेशक आदित्य रंजन के नये आदेश से पूरे पंचायत प्रतिनिधि पशोपेश में है। जारी आदेश का अनुपालन नहीं होने की स्थिति में मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, प्रमुख, जिला परिषद सदस्य व अध्यक्ष का दोबारा चुनाव लड़ना मुश्किल होगा। निदेशक ने दो अलग-अलग पत्र जारी किया है।

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पहले पत्र में मुखिया को अब अपने कार्यकाल में संपन्न योजना से निर्मित इंफ्रास्ट्रक्चर और अपनी राशि से खरीदी गई सभी सामग्रियों की लिस्ट तैयार करनी है। इस काम में उन्हें पंचायत सचिव मदद करेंगे। सूची तैयार कर अपने प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपेंगे। बीडीओ को सौंपेंगे उस योजना या सामग्री का भौतिक जांच बीडीओ स्वयं करेंगे।

इसके बाद जिला पंचायत राज पदाधिकारी दस प्रतिशत योजना की जांच करेंगे। इसके बाद जो प्रमाण पत्र मिलेगा उसी के आधार पर चुनाव लड़ सकेंगे। कुछ हद तक मुखिया के साथ तो इस बात का तर्क दिया जा रहा है कि मुखिया चूंकि चेक काटते हैं तो उनकी जवाबदेही होनी चाहिए पर जिप सदस्य व पंचायत समिति सदस्यों के लिए यह आदेश अधिकारियों के समझ से परे है।

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जिप सदस्य व पंचायत के लिए भी है आदेश : कुछ ऐसा ही फरमान अब विभाग की तरफ से जिला परिषद सदस्य और प्रखंड के प्रमुखों के लिए निकाला गया है। निदेशक द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिप सदस्य और प्रमुख भी मुखिया की ही तर्ज पर एक सूची तैयार करेंगे। इसमें उनके कार्यकाल के सभी योजनाओं और सरकारी पैसे से खरीदी गयी चीजों की जिक्र होगा। सभी योजनाओं और खरीदारी की जांच डीसी खुद या डीसी की तरफ से नामित अधिकारी करेंगे. वहीं प्रमुखों के मामले में जिला पंचायती राज पदाधिकारी जांच करने के बाद डीसी और डीपीआरओ विभाग को इसकी सूचना देंगे और रिपोर्ट जमा करेंगे। दोबोरा चुनाव लड़ते वक्त जिप सदस्यों या प्रमुखों को अपने शपथ पत्र के साथ यह रिपोर्ट भी जमा करानी होगी। नहीं तो शपथ पत्र को अधूरा माना जाएगा। ऐसा नहीं करने पर संबंधित अधिकारी जिप सदस्य या प्रमुख पर कार्रवाई करेंगे।

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कोट :

निदेशक का आदेश अप्रासंगिक है। पांच वर्ष में मुझे मालूम नहीं है कि जिला परिषद में क्या हुआ। यदि मुझे यह कहा जाएगा कि काम का प्रमाण पत्र दीजिए तो कहां से देंगे। पंचायती राज निदेशक पंचायती प्रतिनिधियों को अपमानित करने का काम कर रहे हैं। इस संबंध में सभी सदस्यों से बात करेंगे।

सुषमा देवी, अध्यक्ष जिला परिषद बोकारो

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कोट :

पंचायती राज निदेशक का आदेश अव्यवहारिक है। चुनाव की पात्रता पंचायती राज अधिनियम के तहत तय होता है, न कि किसी निदेशक व अधिकारी के आदेश से । इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिलकर इस बात को रखेंगे। झारखंड में मुखिया व पंचायत प्रतिनिधि कम पढ़े लिखे और आदिवासी व दलित वर्ग से है। उन पर गैर संवैधानिक काम करना ठीक नहीं है। कार्यपालिका की जवाबदेही है कि वह फंड का हिसाब रहे। पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव, प्रखंड स्तर पर बीडीओ व जिला स्तर से डीडीसी जवाबदेह अधिकारी है। पंचायत प्रतिनिधि क्यों हिसाब देंगे।

हीरालाल मांझी, उपाध्यक्ष जिला परिषद


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