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कृषि बिल के खिलाफ बेवजह हाय-तौबा मचा रहा विपक्ष

कांग्रेस एवं विपक्ष कृषि बिल के खिलाफ बेवजह हाय-तौबा मचा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 01:08 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 01:08 AM (IST)
कृषि बिल के खिलाफ बेवजह हाय-तौबा मचा रहा विपक्ष
कृषि बिल के खिलाफ बेवजह हाय-तौबा मचा रहा विपक्ष

कांग्रेस एवं विपक्ष कृषि बिल के खिलाफ बेवजह हाय-तौबा मचा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कृषि के विकास को लेकर सराहनीय काम कर रही है। कृषि बिल किसानों को सशक्त बनाएगा। यह बातें झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता सरोज सिंह ने सेक्टर एक कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में कहीं। कहा कि किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य, संव‌र्द्धन एवं सुविधा विधेयक से किसान अपनी मर्जी के मालिक होंगे। इन्हें किसी भी राज्य में अपना फसल बेचने की छूट होगी। वे ऑनलाइन फसल की बिक्री कर सकेंगे। इससे इनकी आय बढ़ेगी। कृषक सशक्तीकरण व संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक के अनुसार किसान फसलों का करार कर सकेंगे। आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा। कहा कि कांग्रेस एवं विपक्ष की ओर से एमएसपी एवं मंडी बंद होने के अलावा किसानों की जमीन हड़पने का भ्रम फैलाया जा रहा है। जबकि सच्चाई यही है कि एमएसपी व मंडी बंद नहीं होगा। बड़ी कंपनियां किसानों को तंग नहीं कर सकेंगी। किसान कभी भी बिना पेनाल्टी के करार रद कर सकेंगे। किसानों की जमीन सुरक्षित रहेगी। क्योंकि किसानों की कृषि योग्य भूमि लीज व गिरवी रखना निषिद्ध है। इससे कारपोरेट नहीं किसानों को फायदा होगा। कई राज्यों में पहले से ही किसान कॉरपोरेट के साथ मिल कर कृषि उत्पाद का उत्पादन कर रहे हैं। यूपीए सरकार का कृषि बजट 2009-10 में 12 हजार करोड़ रुपये था। इसे केंद्र सरकार ने आज एक लाख 34 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। यूपीए सरकार ने दस वर्ष में किसानों का 70 हजार करोड़ रुपये ऋण माफ किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 75 हजार करोड़ रुपये प्रत्येक वर्ष किसान सम्मान निधि के लिए प्रावधान किया। कहा कि कांग्रेस ने किसानों के लिए कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं किया। झारखंड सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की। भाजपा सरकार ने जो योजना शुरू की थी, उसे भी बंद कर दिया गया। अलगाववादी व बिचौलिए किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। इसमें एक भी किसान शामिल नहीं है। मौके पर जिलाध्यक्ष भरत यादव,जयदेव राय, संजय त्यागी, कमलेश राय, इंद्र कुमार झा, विनय आनंद, दिलीप श्रीवास्तव, लीला देवी, रामकिकर पांडेय आदि उपस्थित थे।

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