सीआइएसएफ कर्मियों के लिए अब आनलाइन ड्यूटी
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल बीएसएल बोकारो इकाई में कार्यरत बल सदस्यों के ड्यूटी का बंटवारा अब मैनुअल के बजाए आनलाइन तरीके से किया जाएगा। इस बाबत सभी विभागीय प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
जागरण संवाददाता, बोकारो: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल बीएसएल बोकारो इकाई में कार्यरत बल सदस्यों के ड्यूटी का बंटवारा अब मैनुअल के बजाए आनलाइन तरीके से किया जाएगा। इस बाबत सभी विभागीय प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। योजना को बुधवार से यूनिट की सभी कंपनी में लागू कर दिया जाएगा। सीआइएसएफ बोकारो इकाई में लगभग 12 सौ से ज्यादा बल सदस्य कार्यरत हैं, जो कि संयंत्र के अंदर व बाहर अपनी सेवा देते हैं। वर्तमान में इनके दैनिक कार्यो का बंटवारा संबंधित कंपनी के कमांडर अथवा कार्यालय के अधिकारी मैनुअल रूप से करते हैं। इसमें कई जवानों को मनचाहे स्थान पर ड्यूटी दिए जाने की शिकायत डीआइजी को मिल रही थी। यही नहीं, जवानों को उनकी ड्यूटी के स्थान का पता समय से पूर्व मिल जाने से संयंत्र की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में थी। इस पर लगाम लगाने के लिए बीएसएल इकाई के डीआइजी सौगत राय ने यहां मैनुअल ड्यूटी रोस्टर को समाप्त कर दिया है। जवानों को ड्यूटी का बंटवारा अब कंप्यूटर द्वारा आनलाइन किया जाएगा। इसके लिए एक साफ्टवेयर इजाद किया गया है, जो कि बोकारो मुख्यालय से संचालित होगा। साफ्टवेयर की विशेषता यह है इसमें जवानों की ड्यूटी के समय से लेकर उनके कार्यस्थल का विवरण उनकी पाली के प्रारंभ के समय ही मिलेगा। यानी पूर्व में किसी से साठ-गांठ कर अपने कार्यस्थल की जानकारी लीक करने की आशंका भी अब खत्म हो जाएगी। वहीं ड्यूटी आवंटन में मनमानी की शिकायत भी अब नहीं रहेगी। साफ्टवेयर के सर्वर को बीएसएल इकाई के सभी कार्यालय से जोड़ दिया गया है, जिससे जवानों को संबंधित जोन के कार्यालय में जाकर अपनी ड्यूटी की जानकारी मिल सकेगी।
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कंट्रोल रूम के जवानों को कंप्यूटर का मिलेगा प्रशिक्षण
डीआईजी सौगत राय ने बोकारो इकाई के नियंत्रण कक्ष में तैनात जवानों को कंप्यूटर के क्षेत्र में दक्ष करने का आदेश संबंधित अधिकारियों को दिया है। इसके लिए जवानों को उनकी कार्य अवधि में कंप्यूटर के संचालन व नई तकनीक की जानकारी विशेषज्ञों द्वारा दी जाएगी। बताया जाता है कि मुख्यालय डिजिटल इंडिया के इस युग में कंट्रोल रूम को हाईटेक बनाने की योजना पर विचार कर रही है। इसलिए पहले से ही जवानों को कंप्यूटर के क्षेत्र में दक्ष किया जा रहा है।