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अब सेल में दक्ष ठेका श्रमिकों की सीधी बहाली

बोकारो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में तकनीकी रूप से दक्ष ठेका श्रमिकों क

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 09:29 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 09:29 AM (IST)
अब सेल में दक्ष ठेका श्रमिकों की सीधी बहाली
अब सेल में दक्ष ठेका श्रमिकों की सीधी बहाली

बोकारो: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में तकनीकी रूप से दक्ष ठेका श्रमिकों की नियुक्ति अब संवेदक के बजाए प्रबंधन के जिम्मे होंगी। इस बाबत विभागीय प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। नए साल से योजना को बोकारो इस्पात संयंत्र समेत सेल के सभी इकाई में एक साथ लागू किया जाएगा। प्रबंधन ने यह फैसला दुघर्टना में कमी के साथ भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए लिया है। इस्पात मंत्रालय सेल के उत्पादन की गति को बरकरार रखने के लिए संयंत्रकर्मियों की तर्ज पर ठेका श्रमिकों को भी तकनीकी रूप से दक्ष बनाने का निर्णय ली है। जिसके तहत हाई स्कील्ड (डिप्लोमाधारी) ठेका श्रमिकों को अब कंपनी में सीधी रूप से भर्ती किया जाएगा। कंपनी में बहाल हुए नए ठेका श्रमिकों के साथ वर्तमान समय में कार्यरत हाई स्कील्ड श्रमिकों को प्रबंधन अपने अधीन प्रशिक्षण देगी। जिसके बाद उन्हें तीन साल के करार पर रखा जाएगा। भविष्य में उनके विभागीय कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर सेवा की अवधि बढ़ायी जा सकती है। सेल में स्थायी कर्मियों की तुलना में ठेका श्रमिकों की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जहां संवेदक अपने मनचाहे लोगों का गेटपास अधिकारियों की मिलीभगत से कंपनी में बना रहे है। अकुशल व अर्धकुशल कामगार से कंपनी में तकनीकी क्षेत्र का काम लिए जाने से सेल में दुघर्टना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। बोकारो इस्पात संयंत्र में बीते तीन दिनों के अंदर हुई घटना में दो-दो ठेका श्रमिकों की मौत इसका ताजा उदाहरण है। अन्य मामले में संवेदक के पास यह अधिकार सुरक्षित होगा कि वे हाई स्कीलड को छोड़ अन्य संवर्ग के ठेका श्रमिकों का गेटपास बनाने के लिए अधिकृत होंगे। मालूम हो कि वर्तमान समय में सेल में काम करने वाले ठेका श्रमिकों को गेटपास बनाने से पूर्व मात्र दो से चार दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे उन्हें सयंत्र के सभी गतिविधियों की जानकारी कम समय में नही मिल पाती है। इसी वजह से प्रशिक्षण के बाद कार्यस्थल पर जाते ही वे छोटी-बड़ी कार्य दुघर्टना का शिकार हो जाते है। इसके अलावा उनके दैनिक उपस्थिति माह में पूरा होने के बाद भी कागजी प्रक्रिया में उसे कम दिखाकर पैसे के बंदरबांट की शिकायत लगातार इस्पात मंत्रालय तक पहुंच रही थी। नई योजना के लागू होने के बाद प्रबंधन द्वारा बहाल ठेका श्रमिकों के मासिक वेतन का भुगतान पारदर्शी रूप से हो सकेगा।

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