संयंत्र से बाहर जाने के लिए अब नया आउट पास
बोकारो बोकारो इस्पात संयंत्र में काम करने वाले कर्मचारियों पर प्रबंधन ने शिकंजा पूरी तरह
बोकारो : बोकारो इस्पात संयंत्र में काम करने वाले कर्मचारियों पर प्रबंधन ने शिकंजा पूरी तरह से कस दिया है। उन्हें अब कार्य अवधि के दौरान आवश्यक काम के लिए प्लांट से बाहर जाने के लिए प्रबंधन द्वारा निर्गत आउट पास लेना जरूरी होगा। यह पास उनके संबंधित विभाग द्वारा ही दिया जाएगा। इसकी एक प्रति सीआइएसएफ के पास तो दूसरी उनके विभाग प्रमुख के पास होगी। इससे पता लगाया जा सकेगा कि कौन कर्मचारी कार्य अवधि के दौरान अपने ड्यूटी से किस समय तक नदारद रहते हैं।
प्रबंधन के इस निर्णय के बाद श्रमिक संगठनों का विरोध भी शुरू हो गया है। यूनियन प्रतिनिधियों का कहना है कि प्रबंधन इस तरह का हथकंडा सिर्फ कर्मचारियों को परेशान करने के लिए उठा रहा है। यदि कंपनी में पारदर्शी रूप से विभागीय कामकाज को कराना है तो पूर्व की भांति अधिकारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक सिस्टम से की जानी चाहिए। यही नहीं आउट पास सिस्टम के दायरे में बीएसएल के अफसर भी शामिल हों। उन्हें किस नियम के तहत संयंत्र से कभी भी आवाजाही की अनुमति बगैर आउट पास के दी गई है। इसके बाद स्वत: दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा।
कंपनी में कई ऐसे ठेका श्रमिक भी हैं जो पूरे माह अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से करते आ रहे हैं। उनकी हाजिरी आनलाइन के बदले मैनुअल तरीके से बन रही है। जहां प्रतिमाह करोड़ों रुपये का हेरफेर प्रबंधन के अधिकारी ठेकेदार के साथ मिल कर कर रहे हैं। जबकि कर्मचारी विशेष परिस्थिति में अपने स्वजनों के स्वास्थ्य सहित अस्पताल आने-जाने के आदि मसलों पर ही आउट पास का सहारा लेते हैं।
आउट पास के लिए दिया कोरोना नियमों का हवाला :
बोकारो इस्पात संयंत्र में लागू की जाने वाली नई आउट पास योजना के लिए प्रबंधन ने कोरोना के नियमों का हवाला दिया है। प्रबंधन का तर्क है कि कोविड की इस परिस्थिति में कर्मचारियों को कार्य अवधि के दौरान संयंत्र से बाहर निकलना उनके लिए घातक होगा। कई कर्मचारी फर्जी आउट पास के जरिए अपने विभाग से गायब हो जाते हैं। नियम के तहत उन्हें ड्यूटी के समय विभाग से किसी अन्य स्थान पर नहीं होना चाहिए।
बता दें कि वर्तमान में बीएसएल में संयंत्रकर्मियों को आउट पास देने के लिए उनके विभाग के कोई अधिकारी अधिकृत होते हैं। अब उनके द्वारा निर्गत आउट पास पर विभाग प्रमुख का हस्ताक्षर व मुहर अनिवार्य किया गया है। संयंत्र के उत्पादन से जुड़े कर्मचारियों का परिवार भी कंपनी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसे में ड्यूटी के दौरान अस्पताल आने-जाने सहित अन्य आवश्यक काम के लिए उन्हें आउट पास के लिए दर-दर भटकना पड़े। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण बात होगी। प्रबंधन की नई आउट पास योजना को धरातल पर उतरने से पहले ही विफल कर दिया जाएगा। यदि नियम को लागू करना है तो अधिकारियों को भी इसके दायरे में रखा जाए।
राजेंद्र सिंह महामंत्री, किम्स सह एनजेसीएस सदस्य।