मुहर्रम को लेकर मुस्लिम परिवार उत्साहित
बोकारो कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष मुहर्रम पर ताजिया एवं जुलूस नहीं निकलेगा। शस्
बोकारो : कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष मुहर्रम पर ताजिया एवं जुलूस नहीं निकलेगा। शस्त्र प्रदर्शन भी नहीं होगा। लाउडस्पीकर अथवा डीजे को प्रतिबंधित किया गया है। बावजूद, त्योहार को लेकर मुस्लिम परिवार में उत्साह है। वहीं मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में चहल-पहल बढ़ी हुई है। लोग घरों में रहकर मुहर्रम अपने-अपने परिवार के साथ मनाएंगे।
उपायुक्त राजेश सिंह ने धार्मिक जमावाड़ा पर रोक लगा दी गई है। लोगों से अपील की कि वे शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मुहर्रम का मनाएं। इधर, मुहर्रम को लेकर शनिवार को जंगियों ने नगर की सड़कों पर दौड़ लगाई।
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मुहर्रम हिजरी संवत का पहला महीना : इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम हिजरी संवत का पहला महीना है। इसे हिजरी भी कहा जाता है। हिजरी सन की शुरुआत इसी महीने से होती है। मोहम्मद साहब ने इस माह को अल्लाह का महीना कहा है। जानकारों का कहना है कि इराक में यजिद नामक जालिम बादशाह था। जो इंसानियत का दुश्मन था। हजरत इमाम हुसैन ने जालिम बादशाह यजिद के खिलाफ जंग का एलान कर दिया था। मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन को कर्बला नामक स्थान में परिवार और दोस्तों के साथ शहीद कर दिया गया था। जिस महीने में हुसैन और उनके परिवार को शहीद किया गया था, वह मुहर्रम का ही महीना था।