सेलकर्मियों के पे रिवीजन पर मंत्रालय की हरी झंडी
बोकारो : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) कर्मियों के लंबित पे रिवीजन का मामला ज
बोकारो : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) कर्मियों के लंबित पे रिवीजन का मामला जल्द ही सुलझ जाएगा। इस्पात मंत्रालय ने इस मसले पर सैद्धांतिक संकेत दिए जाने के बाद अब जल्द ही एनजेसीएस व सेल प्रबंधन के बीच बैठक होगी। इससे पूर्व 30 मई को नई दिल्ली में सेल निदेशक मंडल की बैठक रखी गई है, जहां संयंत्र के उत्पादन-उत्पादकता के साथ कंपनी का वार्षिक वित्तीय परिणाम जारी किया जाएगा। इस दौरान सेल के आर्थिक पहलुओं का अध्ययन कर कर्मियों के अन्य लंबित सेवा की शुरुआत भी की जा सकती है। सेल चेयरमैन पीके ¨सह की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में बोकारो इस्पात संयंत्र सहित सभी प्रमुख इकाईयों के सीईओ शामिल होंगे। 30 मई की बोर्ड मी¨टग को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सेल के वर्तमान अध्यक्ष पीके ¨सह जून माह में सेवानिवृत्त होने वाले है। ऐसे में उनके कार्यकाल में कंपनी में बंद हुई लीव इनकैंशमेंट योजना की शुरुआत भी फिर से एक बार होनी लगभग तय मानी जा रही है। सेल में पेंशन व पे रिवीजन को लेकर इस्पात मंत्रालय रेस में आ गई है। 30 मई को कंपनी का वार्षिक वित्तीय परिणाम आने के बाद रिवीजन व पेंशन दोनों मसलों का समाधान कर लिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि सेल में पेंशन व पे रिवीजन के मद मे रकम के स्वीकृति पर इस्पात मंत्रालय ने हामी भर दी है। सेल कंपनी को इस वित्तीय वर्ष लगभग 400 करोड़ का लाभ होने के संकेत मिल रहे है, लेकिन कामगारों के पेंशन व रिवीजन मद में खर्च होने वाली राशि के बाद कंपनी का मुनाफा घटकर 800 करोड़ के आसपास जा सकता है। इस बीच प्रबंधन कामगारों के वेतन पुनरीक्षण के मद में खर्च किए जाने वाली संभावित राशि 540.50 करोड़ का अधिग्रहण एमओयू होने से पहले कर चुकी है।
बता दें कि सेल में अनाधिशासियों का पे रिवीजन एक जनवरी 2017 से लंबित है। अधिशासियों का पे रिवीजन भी इसी तारीख से होना है। कंपनी में रिवीजन की मांग पर अधिकारी व कर्मचारी संगठन दोनों प्रबंधन पर दबाव बनाए हुए है, लेकिन मंदी के दौर से गुजर रही सेल इस स्थिति में नहीं है कि उक्त दोनों संगठनों की मांग को वर्तमान परिवेश में एक साथ पूरा कर सके। ऐसे में फिलहाल अनाधिशासी कर्मियों को पहले वेतन पुनरीक्षण का लाभ दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि सेल में अधिकारियों का पे रिवीजन दस वर्ष तथा कर्मचारियों का पांच वर्ष पर होता है। कामगारों के पिछले बार इस मद में 17 फीसद एमजीवी के साथ 6 फीसद पर्क्स का लाभ दिया गया था। -------------------------
अगले माह एनजेसीएस की बैठक संभव : सेल में पे रिवीजन जल्द लागू कराने के लिए श्रमिक संगठन के नेता प्रबंधन पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं। बताया जाता है कि जून माह के अंत तक रिवीजन की पहली बैठक सेल प्रबंधन व एनजेसीएस के बीच हो सकती है। इस बीच सेल अध्यक्ष भी इस प्रयास में जुट गए हैं कि वे अपने कार्यकाल में रहते कामगारों को वेतन पुनरीक्षण की सौगात दे जाएं। वे जून 2018 में अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे है। सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों के मामले में जस्टिस सतीश चंद्रा के नेतृत्व में गठित थर्ड पे रिवीजन कमेटी की रिपोर्ट में एफीडेविट क्लॉउज लगाने से उनके वेतन पुनरीक्षण में बाधा आ रही है। इसे दूर करने के लिए अधिकारियों के संगठन सेफी का पीएमओ कार्यालय सहित इस्पात मंत्रालय से पत्राचार का सिलसिला जारी है।