100 दिन का काम पूरा, प्रवासी मजदूर मांग रहे रोजगार
संवाद सहयोगी जैनामोड़ कोरोना काल में लॉकडाउन की अवधि में प्रवासी कामगार जहां जिस हाल
संवाद सहयोगी, जैनामोड़ : कोरोना काल में लॉकडाउन की अवधि में प्रवासी कामगार जहां जिस हालत में थे वहां से नाना प्रकार की व्यवस्था कर अपने इस उम्मीद से घर लौट आए, इस उम्मीद के साथ की परिवार के बीच रह कर कुछ रोजगार करके जीवनयापन कर लेंगे। अपेक्षा के अनुरुप सरकार भी सक्रिय हुई और रोजगार सृजन के विकल्पों पर विचार भी किया और प्रवासियों को घर में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनरेगा योजना के तहत आम बागवानी, डोबा निर्माण, पीएम आवास आदि जगहों पर काम मुहैया करवाया गया। परंतु 100 दिन का रोजगार की समयावधि समाप्त होने के बाद अब मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। वैसे मजदूर अराजू पंचायत सचिवालय पहुंच पंचायत जनप्रतिनिधि से रोजगार की मांग कर रहे हैं।
जलेश्वरी देवी, गीता देवी, खेनो देवी, पानमति देवी, प्रमिला देवी, मंशा मांझी, डिलेश्वर मांझी, रामू मांझी, बालेश्वर मांझी, राजाराम मांझी आदि ने बताया कि हम सब 100 दिन का काम मनरेगा में कर चुके हैं, ऐसे मे हमें अब रोजगार नहीं मिल रहा है। समय रहते अगर रोजगार नहीं मिला तो परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो जाएगा। इधर पंचायत के उपमुखिया संतोष नायक ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा से जोड़ने को लेकर कई बार अधिकारियों से वार्ता हुई, लेकिन इस मुद्दे पर अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया।