हलक में सांस, फिर भी चाहिए मांस
जिले में राज्य का तीसरा कोरोना पीड़ित मिला। इसके बावजूद अपने स्तर पर बचाव की तैयारी शून्य है। स्थिति यह है कि सांस हलक में अटकी है फिर भी लोगों को मांस-मछली से कुछ कम चाहिए नहीं।
संवाद सहयोगी, सुरही (बेरमो): जिले में राज्य का तीसरा कोरोना पीड़ित मिला। इसके बावजूद अपने स्तर पर बचाव की तैयारी शून्य है। स्थिति यह है कि सांस हलक में अटकी है, फिर भी लोगों को मांस-मछली से कुछ कम चाहिए नहीं। रविवार को सुरही में मुर्गा खरीदने के लिए आपाधापी मची रही।
लॉकडाउन के बावजूद सुरही व नावाडीह बाजार सहित सेंट्रल कॉलोनी में लगने वाले हाट में आमजन काफी लापरवाह दिख रहे हैं। इससे कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने की दिशा में प्रशासनिक प्रयास को आघात पहुंच रहा है। बाजारों में लग रहे लोगों के हुजूम के कारण कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। गौरतलब है कि तेलो गांव इन इलाकों से सटा ही हुआ है, जहां कोरोना पॉजिटिव महिला की पहचान की गई। इसके बावजूद अधिकतर लोग लॉकडाउन सहित निषेधाज्ञा का पालन नहीं कर रहे हैं।
शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं: रविवार को नावाडीह प्रखंड के सुरही एवं चंद्रपुरा थाना क्षेत्र की सेंट्रल कॉलोनी स्थित दुर्गा मंडप परिसर में शारीरिक दूरी के नियम की जमकर धज्जियां उड़ीं। सुरही चौक में सुबह एक मुर्गा विक्रेता वाहन से मुर्गा बेचने पहुंचा तो लोग दौड़ पड़े। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यहां कोई पुलिसकर्मी भी नहीं था। वहीं चंद्रपुरा थाना क्षेत्र की सेंट्रल कॉलोनी स्थित दुर्गा मंडप परिसर में लगे साप्ताहिक हाट में सब्जी विक्रेता तो एक-दूसरे से दूर बैठे थे, लेकिन सब्जियां खरीदने पहुंचे लोगों ने शारीरिक दूरी बरकरार रखने की परवाह नहीं की। वहीं सेंट्रल कॉलोनी में जहां-तहां युवकों की टोलियां जुटने लगी हैं। पुलिस के गश्ती वाहन को देखते ही वे लोग भागकर छुप जाते हैं, लेकिन पुलिस के जाते ही फिर अड्डेबाजी शुरू हो जाती है।