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लॉकडाउन से उबरने को लिया लोन, अब फिर तालाबंदी से दुर्गति

संवाद सहयोगी करगली (बेरमो) कोरोना की पहली लहर के दौरान मार्च-2020 के अंत में लागू लॉ

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 11:00 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 11:00 PM (IST)
लॉकडाउन से उबरने को लिया लोन, अब फिर तालाबंदी से दुर्गति
लॉकडाउन से उबरने को लिया लोन, अब फिर तालाबंदी से दुर्गति

संवाद सहयोगी, करगली (बेरमो) : कोरोना की पहली लहर के दौरान मार्च-2020 के अंत में लागू लॉकडाउन से उबरने को फुसरो क्षेत्र के जिन फुटपाथ दुकानदारों ने लोन लिया था। अब फिर तालाबंदी से दुर्गति के कगार पर पहुंच गए हैं। नगर परिषद फुसरो के जरिये विभिन्न बैंकों से 600 फुटपाथ दुकानदारों को 800 रुपये महीना किस्त भरने की शर्त पर 10-10 हजार रुपये ऋण दिया गया था। अब कोरोना की दूसरी लहर में पुन: लॉकडाउन के कारण उन सबकी दुकान बंद हो गई है, तो सवाल उठा रहे हैं अब कैसे किस्त की राशि भरेंगे। उन ऋणधारकों ने फिलहाल किस्त की राशि माफ करने की गुहार लगाई है। साथ ही कह रहे हैं कि अनलॉक होने के बाद बिना अतिरिक्त ब्याज के जमा करने की छूट नगर परिषद के अधिकारी बैंकों से दिलाएं। लोन लेने वाले दुकानदार फुसरो नगर के विभिन्न स्थानों में चाय, पान, जूस, चाट, रेडीमेड कपड़े, जूता-चप्पल, फास्टफूड आदि की दुकान व ठेले-खोमचे लगाते रहे हैं, जो लॉकडाउन के कारण फिलहाल बंद हैं।

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--लोन लेने वालों में कई महिलाएं भी: नगर परिषद के जरिये बैंकों से लोन लेने वालों में कई महिलाएं भी शामिल हैं, जो फुसरो बाजार की सड़क किनारे छोटी-मोटी दुकान संचालित करती थीं। उस व्यवसाय के सहारे महिलाएं अपने पारिवारिक रथ को खींचने में मददगार साबित हो रही थीं। अब लॉकडाउन के कारण कारोबार बंद होने की वजह से उन सबके चेहरे पर चिता की लकीरें खिच गई हैं। उनमें मालती देवी का कहना है कि फुटपाथ पर मनिहारी का छोटा-मोटा कारोबार कर अपने परिवार का पेट भरती थीं। पूर्व में लगे लॉकडाउन के कारण पूर्व की पूंजी समाप्त हो गई। उसके बाद नगर परिषद ने दस हजार रुपये लोन दिलाकर सहारा दिया।व्यवसाय पटरी पर आ ही रही थी कि पुन: लॉकडाउन लग जाने से आसमान से टपके तो खजूर पर अटके वाली स्थिति में आ गई। अब तो खाने को लाले पड़ रहे हैं, तो लोन की किस्त की राशि कहां से जमा करें।

-वेंडर आत्मनिर्भर निधि से मिली थी राशि : कोरोना महामारी की प्रथम लहर से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित फुसरो नगर क्षेत्र के लगभग 600 फुटपाथ व्यवसायियों को नगर परिषद ने केंद्र सरकार की वेंडर आत्मनिर्भर निधि के तहत एक वर्ष के लिए 10-10 हजार रुपये लोन बैंकों से उपलब्ध कराया था। ताकि वह लोग अपने कारोबार को फिर से पटरी पर ला सकें। लोन लेने के बाद उन व्यवसायियों की दुकानदारी गति पकड़ ही रही थी कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण क्रमवार स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह सह तालाबंदी ने उन सबको पुन: बैकफुट पर पहुंचा दिया।

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पुन: लॉकडाउन होने से दुकान बंद हो गई है। ऐसे में घर का किराया चुकाने और खाने-पीने के सामान जुटाने की भी समस्या उत्पन्न हो गई है। कोरोना महामारी की पहली लहर के लॉकडाउन में प्रभावित व्यवसाय को पुन: दुरुस्त करने के लिए लोन लिया था, लेकिन अब लॉकडाउन से फिलहाल लोन की किस्त भर पाना मुमकिन नहीं है।

- इरफान खान, जूता-चप्पल व्यवसायी, फुसरो

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लॉकडाउन के कारण कारोबार बंद हो गया है। इस स्थिति में खुद के व बीवी-बच्चों के पेट कैसे भरें, चिता में पड़े रहते हैं। फुसरो बाजार में छोटी सी चाय की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे, जो लॉकडाउन के कारण पूरी तरह बंद है। आमदनी बंद है, लेकिन खर्च हो रहा है। इस कारण व्यवसाय की पूंजी समाप्त होती जा रही है।

- रवि कुमार महतो, चाय विक्रेता, फुसरो

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लॉकडाउन के कारण ठेला बंद होने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना महामारी की वजह से पूर्व में रोजगार प्रभावित होने पर 10 हजार रुपये लोन लिया था, जिसकी ़िकस्त जमा करने को अब पैसे नहीं हैं। उधार-बकाया कर जैसे-तैसे घर का खर्च चला रहे हैं, लेकिन लोन की किस्त भरने के लिए नकद रुपये कहां से लाएं समझ में नहीं आ रहा।

- मनोज रजक, फास्टफूड दुकानदार, फुसरो -------

फुसरो नगर क्षेत्र के जिन फुटपाथ दुकानदारों को ऋण दिलाया गया है। लॉकडाउन से उनके समक्ष उत्पन्न परिस्थितियों से बैंक के अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। यदि ऋणधारक समय पर या जल्दी किस्त की अदायगी कर दें तो तिमाही आधार पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए उनके बैंक खाते में सात प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी जमा की जाएगी। वहीं, डिजिटल लेन-देन करने पर प्रोत्साहन के रूप में 100 रुपये कैशबैक भी दिया जाएगा।

-महेंद्र कुमार, सिटी मिशन मैनेजर, नगर परिषद फुसरो


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