पति की हत्या के मामले में पत्नी और प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा
Murder in love affair. पति की हत्या के मामले में कोर्ट ने पत्नी व उसके प्रेमी समेत तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
बोकारो, जागरण संवाददाता। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रंजीत कुमार की अदालत ने दुर्योधन रजवार हत्याकांड में बुधवार को तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी को 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी भरने का आदेश अदालत ने दिया है। जुर्माना न देने पर इन्हें छह माह अतिरिक्त कैद की सजा काटनी होगी। अदालत ने मृतक दुर्योधन की पत्नी रेशमा देवी, रेशमा के प्रेमी जानकी रजवार और जानकी के दोस्त प्रहलाद ठाकुर को यह सजा सुनाई है। इस मामले में अभियोजन का पक्ष अपर लोक अभियोजक संजय कुमार झा ने अदालत में रखा। घटना तीन नवंबर, 2017 को हुई थी।
जानें, क्या है मामला
बताया जा रहा है कि चंदनकियारी अमलाबाद के रोहनीयाटाड़ निवासी दुर्योधन की शादी पेटरवार के अंगवाली निवासी रेशमा देवी से वर्ष 2013 में हुई थी। शादी के पहले रेशमा का प्रेम प्रसंग जानकी से चल रहा था। शादी के बाद दोनों का प्रेम-प्रसंग चलता रहा। जानकी रेशमा से मिलने उसके ससुराल तक आ जाता था। दोनों छिपकर एक-दूसरे से मिलते रहते थे। जब इस बात की जानकारी रेशमा के पति दुर्योधन को लगी तो वह इसका विरोध करने लगा। इसको लेकर गांव में एक पंचायत भी हुई। मुखिया समेत अन्य की उपस्थिति में जानकी ने यह वादा किया कि वह अब रेशमा से मिलने नहीं आएगा। पंचायत में वादा करने के बाद भी जानकी नहीं माना और अपनी प्रेमिका से मिलते रहा। दुर्योधन इसका विरोध करता था तो जानकी बुरा अंजाम भुगतने की धमकी भी दिया।
अदालत ने दुर्योधन की पत्नी रेशमा के प्रेमी जानकी व उसके दोस्त प्रहलाद ठाकुर को सजा सुनाई है।
इलेक्ट्रो स्टील में जा रहा था ड्यूटी, रास्ते में घेरकर कर दी हत्या
वर्ष तीन नवंबर, 2017 की सुबह चार बजे इलेक्ट्रो स्टील के अंजनी इंटरप्राइजेज में ठेका मजदूर का काम करने वाला दुर्योधन ड्यूटी जाने के लिए घर से निकला। साइकिल से ड्यूटी जा रहे दुर्योधन को करमाटाड़ के पास
पेटरवार निवासी जानकी रजवार ने अपने दोस्त प्रहलाद ठाकुर के साथ घेर लिया। धक्का मारकर गिराने के बाद एक ने दुर्योधन को पकड़ा और दूसरे ने राड से सिर पर वार कर दिया। मौके पर ही दुर्योधन की मौत हो गई।
हेलमेट व फोन के ब्यौरा ने खोला हत्या का राज
बताया जाता है कि जानकी इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए अपने साथी प्रहलाद ठाकुर के साथ पेटरवार से चला। इसने यहीं रहने वाले अशोक कपरदार की बाइक व हेलमेट यह कहकर लिया कि वह बाजार जा रहा है। बाजार से लौटने के बाद बाइक व हेलमेट वह लौटा देगा। अशोक बाइक व हेलमेट दे दिया। जानकी व प्रहलाद
अमलाबाद आए और हत्याकांड को अंजाम देने के बाद भाग निकले। हड़बड़ी में जानकी का हेलमेट घटनास्थल पर ही छूट गया। बाद में अशोक ने अपने हेलमेट की पहचान की और अदालत में आकर इस बाबत अपना बयान भी दिया। इधर, पुलिस मोबाइल का ब्योरा भी खंगाली। जानकी अपने नाम पर दो मोबाइल लिया था। एक
मोबाइल वह खुद रखा था तो दूसरा मोबाइल इसने अपनी प्रेमिका रेशमा को दिया था। दुर्योधन जब घटना के दिन ड्यूटी से निकला तो इसकी जानकारी जानकी को उसकी पत्नी रेशमा ने दी थी। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद जानकी ने रेशमा को फोन कर कहा कि काम हो गया है।
बड़े भाई के बयान पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
घटना की प्राथमिकी पुलिस मृतक के बड़े भाई सूर्यकांत रजवार की शिकायत पर दर्ज की थी। हत्याकांड का खुलासा करने के बाद पुलिस तीनों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित की। अदालत ने मामले के विचारण के बाद तीनों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की अदालत ने सजा सुनाई। बताया जा रहा है कि इस मामले
का फैसला सुनने के लिए अदालत में गांव के कई लोग बुधवार को अदालत आए हुए थे।