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नक्सल क्षेत्र में जाने का दिखा डर तो, हेलीकाप्टर में चढ़ने का उल्लास

चास मतदानकर्मी बोकारो के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र बेरमो व गोमिया विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कराने

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 09:03 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 06:13 AM (IST)
नक्सल क्षेत्र में जाने का दिखा डर तो, हेलीकाप्टर में चढ़ने का उल्लास
नक्सल क्षेत्र में जाने का दिखा डर तो, हेलीकाप्टर में चढ़ने का उल्लास

चास :मतदानकर्मी बोकारो के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र बेरमो व गोमिया विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कराने को लेकर भारतीय वायु सेना के चॉपर से रवाना हुए। तीसरे चरण में 12 दिसंबर को मतदान शांति पूर्ण संपन्न कराने के लिए सुरक्षा बलों के साथ मतदान कर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है। कई मतदान कर्मियों में पहली बार मतदान कराने एवं हवाई सफर को लेकर काफी उत्साह देख गया। वहीं उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण डर भी दिखा। लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनने को लेकर मतदान कर्मी चॉपर के साथ तस्वीर लेकर अपने सफर को यादगार बनाने में लगे हुए थे। उनके चेहरे पर डर के साथ खुशी भी देखने को मिली। मतदान कर्मियों के चेहरे पर डर के साथ चॉपर की सफर का खुशी भी झलक रहा थी।

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चुनाव कराकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करने का काम करेंगे। सरकारी कर्मचारी होने के कारण जो दायित्व दिया गया है, उसको पूरा करने का काम करेंगे। हेलीकाप्टर का सफर करने का मौका मिला है। इसकी खुशी है। निष्पक्ष व शांति पूर्ण चुनाव कराने का काम करेंगे। ड़यूटी केदला बूथ पर दिया गया है।

सत्येंद्र नारायण, कर्मी, बेरमो सीसीएल अस्पताल

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लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनने के साथ हवाई जहाज के सफर का भी मौका मिला है। चुनाव के जिम्मेवारी को निभाने का काम करेंगे। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने का डर तो लगता है। लेकिन वहां भी चुनाव कराना है। इसकी जवाबदेही को समझना होगा। निष्पक्ष मतदान कराना उनका कार्य है।

दिलीप कुमार यादव, बेरमो, सीसीएल

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मतदान कार्य में पहली बार हेलीकाप्टर चढ़ने का मौका मिला है। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में मतदान कराने की डर है। लेकिन पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था है। इससे चुनाव में कोई परेशानी नहीं होगी। सभी को मतदान करने का अधिकार है। शांतिपूर्ण मतदान करने का काम करना चाहिए।

देवीलाल महतो, महाप्रबंधक कार्यालय ढ़ोरी

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चुनावी महापर्व में सभी को जिम्मेदारी समझते हुए मतदान करना चाहिए। हवाई सफर की खुशी के साथ नक्सल क्षेत्र में काम करने का डर है। पांच साल में एक बार मौका मिलता है। सभी को लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेना चाहिए।

अमर टुडू, कर्मी, चंद्रपुरा सीटीपीएस

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लोकतंत्र के महापर्व को शांति से संपन्न कराना बड़ी चुनौती है। जो जवाबदेही मिला है उसे पूरा करने का काम करेंगे। उग्रवाद क्षेत्र में काम करने का डर है। लेकिन चुनाव तो कराना ही होगा। घटना तो कहीं भी घट सकती है। लोगों को भी शांति पूर्ण चुनाव के लिए सहयोग करना चाहिए।

नरेश महतो, कर्मचारी, चंद्रपुरा तारमी परियोजना

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पहली बार मतदान कराने की जिम्मेदारी मिली है। इस शांति पूर्ण कराने का काम करेंगे। नक्सल क्षेत्र में जाने का डर है। ड़यूटी गोमिया के हिसिम में दिया गया है। उग्रवाद क्षेत्र होने के कारण चिता हो रही है। मतदान कराने का काम करेंगे।

संजीव महतो, शिक्षक

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