Move to Jagran APP

सत्संग से मानव को मिलती है मानसिक शांति

चास चीरा चास केके सिंह कॉलोनी में भागवत कथा के छठें दिन श्री वेदानंद शास्त्री जी ने कथा सुन

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 11:07 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 06:17 AM (IST)
सत्संग से मानव को मिलती है मानसिक शांति
सत्संग से मानव को मिलती है मानसिक शांति

चास: चीरा चास केके सिंह कॉलोनी में भागवत कथा के छठें दिन श्री वेदानंद शास्त्री जी ने कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि सत्संग से मानव को सद्गत की प्राप्ति होती है। मनुष्य बनने के बाद यदि सत्संग मिल गया तो कमी नहीं रहेगी। प्रत्येक मनुष्य को मानव बनना है तो सत्संग में जाना होगा। प्रत्येक मनुष्य को रास प्रसंग में भाग लेना चाहिए। रास से मनुष्य के जीवन का हास यानि कमजोरी खत्म होती है। जीव को मुक्ति मिल जाति है एवं स्वछंद हो जाता है। कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य कहते है सर्वप्रथम मनुष्य बनना दुर्लभ है। मनुष्य बनने के बाद सत्संग मिल गया तो मानव का कल्याण हो जाता है। ये जीवन तभी सफल है जब ईश्वर का सानिध्य मिलता है।भगवान श्री कृष्ण ने नंदबाबा की अजगर से जान बचाई, ब्रज से चलकर मथुरा पहुंचे।बज्र की यात्रा से ब्रजवासी, ब्रजगोपी सभी व्याकुल हो गए। जिसे भगवान के कृपा से दूर हो सका। मथुरा आकर श्री कृष्ण ने धोबी आदि जीव पर कृपा किये फिर कंस को मारकर उनका उद्धार किया।विद्या अध्ययन के बाद उद्धव की ब्रज यात्रा के बारे में बताए उसके बाद सत्रह बार जरासंघ को हराये व अठारहवीं बार रणछोड़ कर भाग गये।जिससे रणछोड़ कहलाये। उन्होंने रूक्मिणी कृष्ण विवाहोत्सव की महत्ता महत्ता एवं लक्ष्मी नारायण के मिलन को विस्तार पूर्वक बताया। इस मौके पर श्रद्धालु उपस्थित थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.