कोयला सहित वैकल्पिक उर्जा स्त्रोत पर सरकार गंभीर
बेरमो : वर्तमान में कोयला भंडार की स्थिति एवं कोयला की वार्षिक खपत तथा देश में कोयला विनियामक
बेरमो : वर्तमान में कोयला भंडार की स्थिति एवं कोयला की वार्षिक खपत तथा देश में कोयला विनियामक प्राधिकरण की स्थापना करने एवं कोयले पर से निर्भरता को कम करने के लिए सरकार द्वारा उर्जा के वैकल्पिक स्रोत पर उठाए जा रहे कदम के बारे में गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने प्रश्न के जवाब में लोकसभा में कोयला मंत्री पीयुष गोयल ने बताया कि भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार देश में कोयला का कुल अनुमानित भंडार 315.149 बिलियन टन है। वर्ष 2016-17 तक 14438.22 मिलियन टन कोयला निकाला गया है। साथ ही कोयला इंवेंटरी में नई खोज के माध्यम से हर वर्ष लगभग 5 बिलियन टन भंडार इसमें जुड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षो से 1886.533 मिलिटन टन कोयले का उठाव/आपूर्ति की गई। कोयला विनियामक प्राधिकरण के गठन के बारे में कोयला मंत्री ने बताया कि वर्ष 1993 से स्क्री¨नग कमेटी के माध्यम से आवंटित कोयला ब्लॉकों को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2014 में रद करने के बाद घटनाओं को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण का गठन को लेकर निर्णय अभी लिया जाना है।
उन्होंने वैकल्पिक उर्जा स्त्रोत के बारे में बताया कि सरकार ने वर्ष 2022 तक अक्षय उर्जा क्षमता को 175 गीगावाट तक बढ़ाया है, जिसमें सौर उर्जा से 100 गीगावाट, पवन उर्जा से 60 गीगावाट, बायो-पावर से 10 गीगावाट और लघु हाइड्रो पावर से 5 गीगावाट शामिल है। 31 जनवरी 2018 तक विभिन्न नवीकरणीय उर्जा योजनाओं के क्रियान्वयन से अब तक कुल 64.31 गीगावाट की क्षमता स्थापित की गई है जिसमें पावर उर्जा से 32.88 गीगावाट, सौर उर्जा से 18.45 गीगावाट, बायो-पावर से 8.53 गीगावाट और लघु हाइड्रो
विद्युत से 4.45 गीगावाट शामिल है। कोयला मंत्री ने बताया कि वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय उर्जा आधारित विद्युत संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही मार्च 2019 तक शुरू की जाने वाली परियोजनाओं के लिए इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम शुल्क और सौर तथा पवन उर्जा की इंटर-स्टेट बिक्री में होने वाले घाटे को माफ करने के आदेश मंत्रालय स्तर से जारी किया गया है।