एसडीओ के आरोप को कार्यपालक अभियंता ने किया खारिज
बोकारो भवन अवर प्रमंडल तेनुघाट के सहायक अभियंता की ओर से सिटी थाने में दर्ज कराई गइ
बोकारो : भवन अवर प्रमंडल तेनुघाट के सहायक अभियंता की ओर से सिटी थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में लगे आरोपों को पुलिस के पहले ही इनके विभाग के सीनियर अधिकारी ने गलत करार दे दिया है। कार्यपालक अभियंता निदेशक ग्रामीण विकास अभिकरण को अपनी भेजी रिपोर्ट में कार्यपालक अभियंता ने कहा है कि प्रभारी सहायक अभियंता शंभू सिंह की वजह से विभाग की छवि खराब हुई है। उनके द्वारा जो आरोप लगाया गया है, उस वक्त वे सहायक अभियंता के प्रभार में ही नहीं थे। सभी 22 कार्यो को पूर्ण करने के बाद संबंधित भवन विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया है। सभी का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी दे दिया गया है। उनके द्वारा पूर्व कार्यपालक अभियंता राजकुमार राणा, लेखापाल अमित कुमार व कंप्यूटर संचालक आकाश मिश्रा पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है।
शंभू सिंह सरकारी कार्य में बाधा डालने का कार्य कर रहे हैं। इस संदर्भ में उन पर सेवा संहिता का उल्लंघन करने के मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। इसी प्रकार का पत्र भवन निर्माण के सचिव व अधीक्षण अभियंता को भेजा गया है।
हालांकि इस मामले का दूसरा पहलू यह है कि सहायक अभियंता शंभू सिंह तेनुघाट में पदस्थापित होते हुए उन्होंने मामला पेटरवार थाने के बजाय सिटी थाने में दर्ज कराई। सिटी पुलिस ने भी उस मामले का संज्ञान ले लिया जिस मामले में उपायुक्त ने जांच का आदेश दिया था और अपर समहर्ता स्तर के अधिकारी जांच कर रहे थे।
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दर्ज प्राथमिकी में लगया था यह आरोप : भवन अवर प्रमंडल तेनुघाट के सहायक अभियंता शंभू सिंह की शिकायत पर सिटी पुलिस लेखा लिपिक अमित व निजी कंप्यूटर ऑपरेटर आकाश मिश्रा के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। सिंह ने करोड़ों का घोटाला करने का आरोप दोनों पर जड़ा था। कहा था कि संयुक्त सचिव भवन निर्माण विभाग ने बीते 2018 के 7 दिसंबर को सहायक अभियंता भवन अवर प्रमंडल तेनुघाट के पद पर योगदान देने का उन्हें आदेश दिया। इसके पहले यह पद पूर्व से रिक्त था। योगदान देने के बाद काम में कई प्रकार की उन्होंने त्रुटि पाई। ठीकेदारों को उन्होंने मानक के अनुसार काम करने की चेतावनी दी। यह भी कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनके स्तर से भुगतान स्वीकृत नहीं किया जाएगा। बताया था कि उनकी चेतावनी के बाद भी ठीकेदारो ने प्रमंडलीय लेखा लिपिक अमित कुमार व निजी कंप्यूटर ऑपरेटर आकाश मिश्रा के साथ कनीय अभियंता से विपत्र तैयार करवा लिया। बगैर उनके हस्ताक्षर के ही विपत्र को उनके निजी आइडी को छेड़छाड़ व जालसाजी कर पास कराकर करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया। ठीकेदारोसे बड़ी कमीशन की राशि लेकर सरकारी राशि का गबन किया गया। बगैर उनके हस्ताक्षर के ही भुगतान करना एक गंभीर अपराध है। यह भी कहा था कि अगर भविष्य में रोकड़पाल से भवन अवर प्रमंडल तेनुघाट का सभी मॉपी पुस्तिका नहीं जब्त किया जाता है तो वह दर्जनों पुस्तिका गायब कर सकते हैं।