ई-पास का सिस्टम हुआ क्रैश, पूरे दिन मची हायतौबा
जागरण संवाददाता बोकारो कोरोना की चन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा स
जागरण संवाददाता, बोकारो : कोरोना की चन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत 27 मई तक प्रतिबंध लगाकर ई-पास का सिस्टम क्या लागू किया। लोग जल्दी से ई-पास लेने के चक्कर में लगे तो पूरी साइट ही बैठ गई। पूरे दिन लोग साइट पर ई-पास बनाने की पहल करते दिखे। कई लोग हाई स्पीड इंटरनेट की व्यवस्था देख रहे थे तो कई लोग यह जानने की कोशिश करते रहे कि इसका विकल्प क्या है। सर्वर पूरे दिन ठप रहा। किसी का रजिस्ट्रेशन हुआ तो किसी का डक्यूमेंट अपलोड करने की प्रक्रिया होते-होते रह गई। सबसे अधिक कंफ्यूजन बोकारो स्टील के कर्मियों में रहा। हालांकि यह बात सामने आई कि कंपनी में काम करने वाले लोगो को ड्यूटी पास ही उनके लिए ई-पास के तौर पर मान्य होगा। इसलिए पुलिस ने भी ड्यूटी के समय में किसी को नहीं टोका व रोका।
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अंतरजिला बस परिवहन सेवा बंद होने से परेशान हुए लोग : लॉकडाउन के पहले दिन जानकारी के अभाव में कई लोग बस पकड़ने पहुंचे लेकिन उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। खासकर रांची ,चाईबासा, सरायकेला , टाटा जाने वाले यात्रियों को परेशानी हुई। कई लोगों को बस स्टैंड में पहुंचकर यह पता चला कि बसों का परिचालन नहीं होगा । वही बिहार जाने वाली बसों को लेकर भी आम लोग बस के टिकट काउंटर पर आकर पूछताछ करते दिखे। लोगों का कहना था कि बाहर से आने वाली बसों का परिचालन बंद किया जाना चाहिए, लेकिन आम लोग एवं गरीब व्यक्तियों के लिए सरकार को वैकल्पिक इंतजाम भी करना चाहिए । बोकारो जैसे शहर में चाईबासा, सरायकेला, खरसावां, लोहरदगा , रांची के हजारों लोग निवास करते हैं । अचानक से बस सेवा बंद होने से उनके लिए समस्या जरूर खड़ी हो गई है । बतौर मजदूर यहां काम करते हैं उनके पास इतना संसाधन उपलब्ध नहीं है कि वे निजी टैक्सी को किराया में लेकर अपने गांव जा सके।