Move to Jagran APP

बकरीद के उत्साह पर कोरोना का असर, घरों में पढ़ी गई नमाज

बोकारो चास-बोकारो में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार कोरोना वायरस की महामारी के स

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 11:46 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 11:46 PM (IST)
बकरीद के उत्साह पर कोरोना का असर, घरों में पढ़ी गई नमाज
बकरीद के उत्साह पर कोरोना का असर, घरों में पढ़ी गई नमाज

बोकारो : चास-बोकारो में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार कोरोना वायरस की महामारी के साए में मनाया गया और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मस्जिदों व ईदगाहों में बकरीद की नमाज नहीं पढ़ी गई। यहां सिर्फ इमाम और मौलाना ने बकरीद की नमाज अदा की। बावजूद, त्योहार को लेकर लोग उत्साहित दिखे। चास-बोकारो के मुस्लिम बहुल इलाके उकरीद, सिवनडीह, डुमरो, आजाद नगर, हैसाबातू, मखदुमपुर, इस्लामपुर, मिल्लत नगर, सिजुआ, झोपरो, बालीडीह, कुर्मीडीह, भर्रा, गौसनगर, अंसारी मुहल्ला, सुल्तान नगर, न्यू पिडरगड़िया, सोलागिडीह, करमाटांड़, धनगरी, आगरडीह, महेशपुर, पिपराटांड़, बास्तेजी, रजा नगर, मोहनडीह, जाला, घटियाली, सोनाबाद, नारायणपुर, गोपालपुर आदि में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों ने अपने-अपने घरों में नमाज पढ़ी और देश में अमन, चैन, आपसी भाईचारा, सांप्रदायिक सद्भाव व तरक्की की दुआ मांगी। लोगों ने फोन पर एक-दूसरे को त्योहार की बधाई दी।

loksabha election banner

------

इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार : ईद उल अजहा (बकरीद) इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्योहार है। रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिन बाद इसे मनाया जाता है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया, जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है। बकरीद में गरीबों और मजलूमों का खास ख्याल रखा जाता है। इसी मकसद से कुर्बानी के सामान के तीन हिस्से किए जाते हैं। एक हिस्सा खुद के लिए रखा जाता है, बाकी दो हिस्से समाज में जरूरतमंदों में बांटने के लिए होते हैं।

------

प्रशासन की थी पूरी तैयारी : बकरीद में शांति व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई थी। त्योहार के दौरान विधि-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए नियंत्रण कक्ष बनाए गए थे। उपायुक्त की ओर से गठित अधिकारियों की टीम द्वारा सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही थी। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी। विशेषकर उन जगहों पर विशेष नजर रखी जा रही थी, जहां पहले त्योहार के दौरान शांति व्यवस्था पर असर देखने को मिला था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.