तेज हुआ संक्रमण, एक हजार में मिल रहे 35 मरीज
जागरण संवाददाता बोकारो भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान कें
जागरण संवाददाता, बोकारो : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र भुवनेश्वर के साथ झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त जांच रिपोर्ट आ चुकी है। जून माह में कराए गए सर्वे की रिपोर्ट अगस्त माह में मिली है।
सैंपल सर्वे में कुल 4766 लोगों का रक्त संग्रह किया गया था जिनमें 2327 लोग सामान्य वर्ग के थे, जबकि 2439 लोग ऐसे थे जो हाई रिस्क ग्रुप के सदस्य थे। सैंपल सर्वे की रिपोर्ट ने कोरोना को लेकर कई मिथक को विराम दिया है। दस जिलों की रिपोर्ट में कुल 30 लोग ऐसे मिले जिन्हें कोरोना हुआ और वह बिना इलाज कराए ही ठीक भी हो गए। अर्थात उनमें एंटीबॉडी बन चुकी थी। इस हिसाब से बोकारो जिले की कुल 24 लाख की आबादी का आकलन करें तो लगभग 15483 लोगों को जून में कोरोना हुआ था और वे कोरोना को मात दे चुके थे।
इधर सितंबर में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है। जून में प्रति एक हजार पर 6 लोग संक्रमित थे, वहीं आज वह संख्या 35 के करीब है। ऐसे में अब अतिरिक्त सावधानी ही लोगों को बचा सकती है।
बता दें कि इस सर्वे में दस जिलों को शामिल किया गया था। इनमें गढ़वा, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, दुमका, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग और रांची को शामिल किया गया था।
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सावधानी ही एकमात्र उपाय : कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय सावधानी है। यह बात इस रिपोर्ट में भी आ चुकी है। सर्वे के आधार पर सामुदायिक लोगों में कोरोना का संक्रमण अधिक हुआ। वहीं वैसे लोग जो कि हाई रिस्क ग्रुप अर्थात स्वास्थ्य, नगर निगम, पुलिस के अधिकारियों में संक्रमण कम मिला। इससे स्पष्ट है कि हाई रिस्क ग्रुप के लोगों ने अधिक सावधानी बरती तो उन्हें कोरोना नहीं हुआ।
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कहां कितने मिले थे संक्रमित
जिला ---सैंपल- मिले पॉजिटिव
बोकारो -465-3
धनबाद--502-1
दुमका-501-1
हजारीबाग --523-3
रांची-445--11
गढ़वा - 412-0
खूंटी -501-3
पलामू -421-7
पूर्वी सिंहभूम--496-00
पश्चिम सिंहभूम--500--1
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कोट : आइसीएमआर की रिपोर्ट मिली है। जून में संक्रमण की स्थिति पर रिपोर्ट थी। अब जांच का दायरा बढ़ा है तो मरीज ठीक भी हो रहे हैं। कोरोना से बचाव के सबसे महत्वपूर्ण उपाय यह है कि मास्क, शारीरिक दूरी के साथ हाथ को धोते रहना चाहिए। जरूरत नहीं हो तो भीड़भाड़ में नहीं जाएं।
डॉ. एके पाठक, सिविल सर्जन, बोकारो