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बदलते गए सीएम, नहीं बदली बिरहोरों की तकदीर

जागरण संवाददाता बोकारो ट्राइबल स्टेट ट्राइबल वेलफेयर नहीं जाने आदिवासियों की भलाई के ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 10:58 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 10:58 PM (IST)
बदलते गए सीएम, नहीं बदली बिरहोरों की तकदीर
बदलते गए सीएम, नहीं बदली बिरहोरों की तकदीर

जागरण संवाददाता, बोकारो: ट्राइबल स्टेट, ट्राइबल वेलफेयर नहीं जाने आदिवासियों की भलाई के लिए कौन-कौन सी योजना चलाई गई। इस कड़ी में सीएम पर सीएम बदल गए लेकिन कुछ नहीं बदला तो उन आदिम जनजाति युवाओं की तकदीर है। जो कि अब तक फोटो खिचवाने का साधन बनते रहे हैं। 9 बिरोहर में से एक नौकरी के इंतजार में एक युवा की मौत हो गई। तीन ने अपने दम पर स्पेशल बटालियन में नौकरी ले ली। पर पूर्व सीएम की बात आज तक नहीं मानी गई। आदिम जनजाति के युवाओं की सीधी नियुक्ति के लिए आठ वर्ष पूर्व वरीयता सूची प्रकाशित करने के बावजूद इन्हें आज तक नियोजन नहीं मिल सका है। इसलिए बोकारो के शिक्षित बिरहोर युवा नियोजन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। वे मजदूरी करके अपना व परिजनों का पेट पाल रहे हैं। दूसरी ओर इन बिरहोरों की तस्वीर सेल, जिला प्रशासन व कल्याण विभाग की फाइल का शोभा बढ़ा रहा है।

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कौन है ये बिरहोर युवा : अपने सामाजिक दायित्व के तहत बीएसएल प्रबंधन की ओर से ज्ञान ज्योति योजना के तहत बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड निवासी बिरहोर बच्चों को ट्रेनीज होस्टल सेक्टर तीन में निश्शुल्क आवासीय सुविधा प्रदान की गई। इन्हें निश्शुल्क प्लस टू स्तर की शिक्षा, भोजन व चिकित्सकीय सुविधा भी प्रदान की गई। इस योजना के तहत बिरहोर बच्चों को न सिर्फ समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया गया, अपितु इन्हें शिक्षा के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया। यहां रहने वाले बिरहोर बच्चों ने मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसमें नौ बिरहोर युवाओं के नाम शामिल थे। इनमें से संतोष बिरहोर, गणेश बिरहोर व तोगोलाल बिरहोर को स्पेशल इंडियन रिजर्व बटालियन में कांस्टेबल के पद पर नौकरी मिली। वहीं सुरेश बिरहोर, सुंदरलाल बिरहोर, चांदोलाल बिरहोर, मंटू बिरहोर व सावन बिरहोर नियोजन की आस में हैं।

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2012 में सीएम अर्जुन मुंडा ने की थी घोषणा : मामला वर्ष 2012 का है जब राज्य के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा हुआ करते थे उन्होंने आदिम जनजाति इन युवाओं को सीधे नियोजन देने की घोषणा की। घोषणा के उपरांत मुख्य सचिव झारखंड के पत्रांक के आलोक में आदिम जनजाति के चतुर्थ वर्ग नियुक्ति के लिए वरीयता सूची जारी की गई। जिला कल्याण पदाधिकारी ने 25.08.2012 को आदिम जनजाति के चतुर्थ वर्ग के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए बिरहोर विद्यार्थियों के मैट्रिक में प्राप्त अंकों के आधार पर वरीयता सूची प्रकाशित की। इस सूची में सुरेश बिरहोर, सुंदर लाल बिरहोर, संतोष बिरहोर, चांदोलाल बिरहोर, सावन बिरहोर, गणेश बिरहोर, तोगोलाल बिरहोर, सहदेव बिरहेार व मंटू बिरहोर के नाम शामिल थे। वरीयता सूची जारी होने के आठ वर्ष बाद भी इन्हें चतुर्थ वर्ग के रिक्त पदों पर नियुक्त नहीं किया जा सका है। सहदेव बिरहोर, सुरेश बिरहोर, सावन बिरहोर, चांदोलाल बिरहोर व मंटू बिरहोर ने कहा कि वरीयता सूची प्रकाशित होने के बाद नियोजन के लिए कई बार उपायुक्त से मुलाकात की गई। लेकिन अब तक नियोजन नहीं मिला। बीएसएल प्रबंधन के सहयोग से पढ़ाई पूरी करने के बाद हमलोग गांव में ही रह कर मजदूरी करने को विवश हैं। कहा कि रोजी-रोटी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। इसलिए हमें वरीयता सूची के आधार पर जल्द चतुर्थ वर्ग के रिक्त पद पर बहाल करना चाहिए। जबकि इसके बाद वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास का शासन आया और फिर एक बार राज्य की सत्ता पर हेमंत सोरेन है।


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