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सीसीएल की कथारा कोलियरी को पर्यावरणीय स्वीकृति का इंतजार

सीसीएल की कथारा कोलियरी को पर्यावरणीय स्वीकृति का इंतजार।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 08:21 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 08:21 PM (IST)
सीसीएल की कथारा कोलियरी को पर्यावरणीय स्वीकृति का इंतजार
सीसीएल की कथारा कोलियरी को पर्यावरणीय स्वीकृति का इंतजार

सीसीएल की कथारा कोलियरी को पर्यावरणीय स्वीकृति का इंतजार

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संवाद सहयोगी, कथारा (बेरमो) : बेरमो कोयलांचल स्थित सीसीएल की कथारा कोलियरी को पर्यावरणीय स्वीकृति का इंतजार है। इस कोलियरी में सीटीओ (कंसर्न टू आपरेट) के अभाव में कोयले का उत्पादन व संप्रेषण एक जनवरी-2022 से ही पूर्णरूप से ठप है। 15 मई तक पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने की उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हो पाई। जबकि इस कोलियरी के लगभग 700 कामगार एक जनवरी-2022 से ही अब तक बेकार बैठने को विवश हैं। कामकाज बंद रहने के कारण खदान में मशीनों खड़ी हैं, जिसमें जंग लग रही है। इस स्थिति में चोरों की बन आई है। मशीनों के पुर्जों की निरंतर चोरी हो रही है। सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, लेकिन कोलियरी की परिधि काफी दूर तक फैली होने के कारण चोर अपनी मंशा में कामयाब हो जा रहे हैं। कोलियरी के बंद रहने और मशीनों के पुर्जों की चोरी होने की वजह से सीसीएल को प्रत्येक माह करोड़ों के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। कोलियरी के बंद होने के बाद से उसके परिसर में वीरानी छाई हुई है। प्रतिदिन कामगार आते हैं और हाजिरी बनवाकर अपने घर चले जाते हैं। खदान के बंद रहने के कारण उसके स्टाक में रखे कोयले में आग लगने की संभावना भी बनी हुई है।

--प्रतिदिन तीन हजार टन कोयला उत्पादन बाधित : पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलने के कारण बंद रहने से कथारा कोलियरी में प्रतिदिन तीन हजार टन कोयला उत्पादन बाधित है। साथ ही चार हजार क्यूबिक मीटर ओबी निस्तारण भी बाधित है। बंद हाेने से पहले इस कोलियरी में प्रतिदिन तीन हजार टन कोयला उत्पादन और चार हजार क्यूबिक मीटर ओबी निस्तारण हो रहा था, जो पिछले एक जनवरी से ही बाधित है।

--25 अप्रैल को एमओइएफ की टीम ने किया था निरीक्षण : पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमओइएफ) की टीम ने सोमवार को कथारा कोलियरी की खदान का निरीक्षण किया था। टीम का नेतृत्व एमओइएफ रांची के एडीशनल डायरेक्टर राजीव रंजन कर रहे थे। उनके साथ सीसीएल कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक महेंद्र कुमार पंजाबी, कथारा कोलियरी के प्रभारी परियोजना पदाधिकारी नवलकिशोर दुबे एवं स्टाफ आफिसर सिविल सुमन कुमार सहित अन्य कई अधिकारी थे। एमओइएफ के एडिशनल डायरेक्टर रंजन ने कथारा कोलियरी के व्यू प्वाइंट से माइंस सहित कोयले के फेस व ओबी स्थल का अवलोकन कर कहा था कि इस जांच-पड़ताल की रिपोर्ट टीम की ओर से दिल्ली स्थित पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भेजी जाएगी। उसके बाद 15 मई तक कथारा कोलियरी को पर्यावरणीय स्वीकृति सह सीटीओ मिल जाने की संभावना है।

--आनलाइन फीस जमा कर दिया गया था आवेदन : राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सीटीओ नहीं मिलने की वजह से सीसीएल की कथारा कोलियरी बीते एक जनवरी से ही बंद है। जुलाई-अगस्त-2019 माह में ही तीन वर्ष के लिए सीटीओ के रिन्यूवल के लिए आनलाइन फीस सीसीएल प्रबंधन की ओर से जमा कर आवेदन दिया गया था। अब सीटीओ देने का मामला पर्यावरण मंत्रालय के मेंबर सेक्रेटरी के पास लंबित है। जल्द से जल्द सीटीओ मिले, इसके लिए सीसीएल के कथारा क्षेत्रीय प्रबंधन एवं मुख्यालय प्रबंधन ने मेंबर सेक्रेटरी सहित पर्यावरण विभाग के अन्य वरीय अधिकारियों से संपर्क साधा है।

वर्जन

कथारा कोलियरी को लगभग तीन वर्ष बंद रहने के बाद वर्ष-2021 में एक वर्ष के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति मिली थी, जिसकी अवधि 31 दिसंबर-2021 को ही समाप्त हो गई। इसलिए एक जनवरी-2022 से ही यह कोलियरी बंद है। पुन: पर्यावरणीय स्वीकृति सह सीटीओ प्राप्त करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

- नवलकिशोर दुबे, पीओ, सीसीएल कथारा कोलियरी


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