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गांवों में होगी कैंसर-डायबिटीज रोगियों की तलाश

जागरण संवाददाता बोकारो तेजी से पांव पसार रहे गैर संचारी रोगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ग

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 10:52 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 06:21 AM (IST)
गांवों में होगी कैंसर-डायबिटीज रोगियों की तलाश
गांवों में होगी कैंसर-डायबिटीज रोगियों की तलाश

जागरण संवाददाता, बोकारो : तेजी से पांव पसार रहे गैर संचारी रोगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। जो बीमारियां पहले लोगों को 40 से 50 वर्ष की उम्र में घेरती थीं, वह अब 30 वर्ष या उससे पहले ही अपनी चपेट में ले रही हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से प्रखंड स्तर पर एनसीडी कार्यक्रम चलाया जाएगा। प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत एएनएम एवं सहिया के साथ मिलकर 30 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच करेंगी।

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ग्रामीण स्तर पर होगी रोगियों की तलाश : एनसीडी कार्यक्रम के तहत गांव स्तर पर गैर-संचारी रोगियों की तलाश की जाएगी। तलाश में मिले कैंसर, हाइपरटेंशन, ब्लड शुगर के रोगियों पर विशेष नजर रखी जाएगी। एनसीडी के मरीजों के रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड होंगे, ताकि विभाग और सरकार के सामने यह स्थिति स्पष्ट हो सके कि किस रोग के कितने मरीज हैं और इनके लिए क्या किया जा रहा है। ऐसे रोगियों की तलाश के लिए सभी एएनएम व सहिया को जिम्मेवारी दी गयी है। संदिग्ध मरीज मिलने पर सेंटर पर ले जाकर स्क्रीनिग कराई जाएगी।

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चार स्तर पर होगी स्क्रीनिग : एनसीडी के मरीजों की चार स्तर पर स्क्रीनिग की जाएगी। सबसे पहले सब सेंटर के तहत कार्यरत सहिया अपने-अपने क्षेत्र में जाकर 30 से अधिक उम्र वाले लोगों का रिकार्ड तैयार करेंगी। उसके बाद चयनित संदिग्ध मरीजों को सब सेंटर पर लाकर जांच कराया जाएगा। जांच के दौरान एनसीडी पाए जाने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जाएगा। जहां साधारण रोग पाए जाने पर डाक्टर द्वारा दवा दी जाएगी। यदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर कंट्रोल से बाहर की स्थिति होगी तो मरीज को अनुमंडलीय या सदर अस्पताल भेजा जाएगा, जहां मरीज का इलाज होगा।

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चार अंक वाले को माना जाएगा हाई रिस्क : सहिया को मरीजों का रिकार्ड तैयार करने के लिए एक फार्म दिया जाएगा। जिसमें मरीजों की जीवनशैली एवं खान-पान पर आधारित सवाल होंगे। सभी सवालों के लिए नंबर निर्धारित हैं। जिन लोगों के जवाब में चार से अधिक अंक होंगे, उन्हें हाई रिस्क वाला मरीज माना जाएगा। ऐसे मरीजों को मोटिवेट कर सहिया जांच के लिए उन्हें सब सेंटर पर ले जाएंगी।

--------------- वर्जन ::

कोरोना काल में गैर संचारी रोगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से गंभीर है। गैर संचारी रोगों की जांच के लिए सदर व अनुमंडलीय अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एनसीडी क्लीनिक खोले गए हैं। वहीं, उप स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा।

डॉ. एनपी सिंह, नोडल पदाधिकारी, एनसीडी


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