बूथ एप मतदान की प्रक्रिया को बनाएगा सरल
बोकारो मतदान केंद्र पर चुनावी गतिविधियों व क्रियाकलापों को सुगम बनानेवाले बूथ एप के दूसर
बोकारो : मतदान केंद्र पर चुनावी गतिविधियों व क्रियाकलापों को सुगम बनानेवाले बूथ एप के दूसरे प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन न्याय सदन में किया गया। मास्टर ट्रेनर शैलेंद्र मिश्र ने बूथ एप की कार्यप्रणाली की जानकारी दी। बताया कि बोकारो विधानसभा क्षेत्र के सभी 588 मतदान केंद्रों में वीएलई को भी प्रतिनियुक्त किया गया है। वीएलई मतदान करने आये हुए मतदान कर्मियों के पास उपलब्ध क्यूआर कोड युक्त डिजिटल वोटर पर्ची का प्रथम स्कैनिग करेंगे। बूथ एप में बनाए गए स्कैनर से स्कैन करने के उपरांत तुरंत यह पता चल जाएगा कि उक्त वोटर ने मतदान किया है या नहीं। यहां स्कैनिग के उपरांत क्यू टोकन नंबर (क्यूटीएन) भी जनरेट हो जाता है, जिसे वीएलई मतदाता पर्ची के पीछे लिख देंगे। इस क्यूटीएन के आधार पर ही मतदाताओं को बूथ के अंदर प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी। इसकी वजह से मतदाताओं को लंबी कतार में खड़ा रहने की जरूरत ही नहीं रह जाएगी। बूथ एप एक सेकेंड से भी कम समय में मतदाता का नाम वीएलई के फोन में ही सेव किए गए, डिजिटल मतदाता सूची में ढूंढ कर नाम चिन्हित कर देगा। इस प्रकार मतदाता सूची में नाम ढूंढने में लगने वाला समय बचेगा और मतदान तेज गति से होगी। इस एप से बोगस वोटिग की घटनाओं पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर सुमन कुमार, धीरज कुमार सिंह, पिटू पांडेय, आदित्य अरुण, सुरेश मंटू गोराई आदि उपस्थित थे।
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तीन और सर्च के ऑप्शन हैं इस एप में : अगर वीएलई के स्कैनर से किसी कारणवश क्यूआर कोड स्कैन नहीं हो पाता तो भी घबडा़ने की आवश्यकता नहीं है। वीएलईमतदाता सूची में मतदाताओं का नाम सीरियल नंबर के हिसाब से या एपिक कार्ड के नंबर के हिसाब से या फिर उनके नाम के हिसाब से भी ढूंढ सकते हैं। यह सभी विकल्प इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी हालत में कोई भी वोटर अपने मताधिकार के प्रयोग से वंचित ना रह जाए।