Move to Jagran APP

बोकारो इस्पात जिले के सभी अस्पतालों को देगा निश्शुल्क ऑक्सीजन

जागरण संवददाता बोकारो देश में कोरोना के संक्रमण के दौरान ऑक्सीजन की कमी हो रही

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 07:18 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 07:18 AM (IST)
बोकारो इस्पात जिले के सभी अस्पतालों को देगा निश्शुल्क ऑक्सीजन
बोकारो इस्पात जिले के सभी अस्पतालों को देगा निश्शुल्क ऑक्सीजन

जागरण संवददाता, बोकारो : देश में कोरोना के संक्रमण के दौरान ऑक्सीजन की कमी हो रही है। इसे दूर करने के लिए सेल की सभी इकाइयां लगी हुई हैं। इस क्रम में बोकारो स्टील ने बोकारो जिले के सभी निजी व सरकारी अस्पतालों को निश्शुल्क में ऑक्सीजन देने का निर्णय लिया है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि जिस अस्पताल को ऑक्सीजन की जरूरत है, वह अपना खाली सिलेंडर बोकारो स्टील प्लांट में भरवा सकते हैं।

loksabha election banner

कंपनी के निदेशक प्रभारी अमरेन्दु प्रकाश ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में बोकारो स्टील प्लांट कोविड मरीजों की मदद के लिए तत्पर है। जिला प्रशासन के साथ मिलकर जिले अस्पतालों में ऑक्सीजन की जरूरतों को पूरा करेंगे। खाली सिलेंडर में ऑक्सीजन भरवाने के लिए ऐसे अस्पतालों को पहले जिला प्रशासन को आवेदन देना होगा। इसके बाद बोकारो स्टील प्लांट में उनके सिलेंडर में ऑक्सीजन निश्शुल्क भरे जाएंगे।

विदित हो कि बोकारो में चार निजी बॉटलिग प्लांट हैं। प्रत्येक दिन तीन सौ से पांच सौ सिलेंडर की रिफीलिग होती है। अब यदि उनकी मांग बोकारो में नहीं होगी तो धनबाद, गिरिडीह व रामगढ़ को दे सकेंगे।

---------

जिले को चार सौ मेडिकल सिलेंडर की प्रतिदिन जरूरत :

बोकारो जनरल अस्पताल में अपनी व्यवस्था है। ऐसे में जिले के सदर अस्पताल सहित सभी निजी अस्पतालों को मिलाकर लगभग चार सौ जंबो सिलेंडर की जरूरत होती है। उत्पादन 1200 सिलेंडर का है। ऐसे में यह जरूरत यदि बोकारो इस्पात से पूरी होने लगे तो ये निजी कंपनियां झारखंड के तीन से चार जिलों की जरूरत को पूरा कर सकेंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.