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बोकारो के निजी अस्पतालों ने की रेमडेसिविर की कालाबाजारी, फंसी गर्दन

जागरण संवाददाता बोकारो रांची में रेमडेसिविर इजेंक्शन की कालाबाजारी की बात सामने आन के बाद बोकारो में कुछ निजी अस्पताल फंसते नजर आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 01:00 AM (IST)
बोकारो के निजी अस्पतालों ने की रेमडेसिविर की कालाबाजारी, फंसी गर्दन
बोकारो के निजी अस्पतालों ने की रेमडेसिविर की कालाबाजारी, फंसी गर्दन

जागरण संवाददाता, बोकारो:

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रांची में रेमडेसिविर इजेंक्शन की कालाबाजारी की बात सामने आने के बाद से पूरे राज्य स्तर पर जांच चल रही है। इस कड़ी में नगर के तीन अस्पताल देवांश मल्टी स्पेशियलिटी चास, सिटी केयर चास तथा वेलमार्क अस्पताल नयामोड़ पर अलग-अलग धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई। दर्ज प्राथमिकी में दवा निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन को आधार बनाया गया है। जिसमें दवा के सही वितरण, सही मूल्य आदि की जांच होनी है। वेलमार्क पर इस लिए मामला दर्ज हुआ कि प्रबंधन ने जांच कर रहे दवा निरीक्षक को रेमडेसिविर की खाली वायल उपलब्ध नहीं कराया। जबकि राज्य स्तर से कोविड के दौरान इंजेक्शन खरीद करने वाले मरीजों को खाली वायल न देकर उसका संधारण करने का आदेश दिया गया था। वहीं कुछ अस्पतालों ने तय मात्रा के अनुसार दवा का उठाव नहीं किया और तो और मरीज की इलाज बही में दवा का विवरण तक नहीं दिया। अब नया जांच उन अस्पतालों पर होने वाला जिन्हें एनएचएम के तहत उनके यहां भर्ती मरीजों को निश्शुल्क रेमडेसिविर इजेंक्शन जिला स्वास्थ्य विभाग ने उपलब्ध कराया था। यह संबंधित अस्पताल के चिकित्सक की मांग पर दिया गया था। यदि इन वायलों का हिसाब नहीं मिलता है या यह बात प्रमाणित होती है कि इन अस्पतालों ने इसके लिए कोई पैसा लिया है तो वैसे अस्पतालों पर प्राथमिकी दर्ज होगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि एक जांच मरीजों से अधिक पैसा लेने के मामले में होगी। यदि कोई भी मरीज का परिजन शिकायत करता है कि किसी अस्पताल ने उससे निर्धारित राशि से अधिक पैसे की वसूली की है तो संबंधित अस्पताल पर अलग से मामला दर्ज होगा।

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तीन स्तर पर चल रही है जांच : कोरेाना संक्रमण के दौरान मरीजों को लूटने वाले अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई तय है। इसके लिए तीन स्तर पर जांच चल रही है। एक जांच स्वास्थ्य महकमा कर रहा है तो दूसरा जांच सरकार का अपराध अनुसंधान विभाग कर रहा है तीसरी जांच खुफिया शाखा द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में नियमों को ताख पर रखकर लोगों से पैसा की वसूली करने वाले अस्पतालों पर गाज गिरना तय है।

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अस्पताल प्रबंधन ने दी सफाई : वेलमार्क अस्पताल के प्रबंधक डॉ. निशांत कुमार ने बताया है कि अस्पताल में जांच को पहुंचे औषधि निरीक्षक ने सभी विभागीय संचिकाओं का मूल्यांकन के बाद क्लीनचिट देते हुए अपना प्रतिवेदन सौंपा है। निरीक्षण से वे पूरी तरह संतुष्ट दिखे। मरीजों को सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सेवा देने के लिए हमारी पूरी टीम सदैव तत्पर है।


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