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गणपति ज्वेलर्स डकैती कांड में शामिल छठवां डकैत भी गिरफ्तार

गणपति ज्वेलर्स डकैती कांड में शामिल छठवां डकैत भी गिरफ्तार।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 08:06 PM (IST)
गणपति ज्वेलर्स डकैती कांड में शामिल छठवां डकैत भी गिरफ्तार
गणपति ज्वेलर्स डकैती कांड में शामिल छठवां डकैत भी गिरफ्तार

गणपति ज्वेलर्स डकैती कांड में शामिल छठवां डकैत भी गिरफ्तार

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जागरण संवाददाता, बोकारो: बीते आठ मई को सिटी सेंटर के हर्षवर्द्धन प्लाजा स्थित गणपति इंटरप्राइजेज ज्वेलर्स में डकैती करने वाले गिरोह के छठवें डकैत महेंद्र चौधरी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। चौबीस घंटे के अंदर पुलिस को इस मामले में दूसरी बड़ी कामयाबी मिली। महेंद्र के पहले हजारीबाग के बरही गोरिया से ही संतोष विश्वकर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अभी तक बरामद कुल लगभग दो सौ ग्राम गहनों में से केवल संतोष विश्वकर्मा के पास से लगभग 174 ग्राम सोने का गहना बरामद हुआ था। संतोष ने ही गणपति ज्वेलर्स में फायरिंग किया था। अभी तक छह डकैतों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। धनबाद के मधुबन का रहने वाला बिटटू सोनार अभी फरार है। वहीं, इस कांड में पुलिस ने गिरफ्तार चार बदमाशों की पहचान परेड कराई, जिसमें दुकान के कर्मचारियों ने सभी बदमाशों को पहचान लिया।

-गिरफ्तार विभाष ने बताया था धनबाद के बिट्टू ने रची थी साजिश-

गिरफ्तार विभाष ने पुलिस को बताया था कि वह हजारीबाग सेंट्रल जेल में बरकट्टा थाना में दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले में वर्ष 2021 से ही बंद था। यहीं पर उसकी पहचान मधुबन खरखरी नावागढ़ निवासी बिट्टू सोनार से हो गई। बिट्टू उससे पहले जेल से निकल गया वहीं वह बीते माह की 26 तारीख को जेल से बाहर निकला। जेल से बाहर निकलने के बाद वह अपने नालंदा जिले में स्थित गांव चला गया। वह इस माह के पहले हफ्ते में अपने गिरोह के सदस्य रितिक यादव से संपर्क साधा। पूछा कि कहीं कोई काम हो बताओ। रितिक ने कहा कि वह धनबाद के बिट्टू से बात करता है। वह कोई न कोई इंतजाम करेगा। इसके बाद रितिक का फोन आया। रितिक ने बताया कि बिट्टू बोकारो में डकैती की योजना बना लिया है। इसपर वह कहा कि उसके पास न तो अभी आदमी है और न ही हथियार ही है। रितिक ने कहा कि तमंचा गोलियों का वह इंतजाम कर देगा। आदमी की व्यवस्था बिट्टू कर देगा। रौशन एक पिस्टल व उसकी चार गोलियों की व्यवस्था पहले किया। इसके बाद वह एक तमंचा व उसकी एक गोली की भी व्यवस्था करने के बाद उसे हजारीबाग बुला लिया। हजारीबाग वह अपने सहयोगी गुलाब पासवान को लेकर आया। यहां सात अप्रैल की शाम वह लोग एक होटल में रुके। अगले दिन बोकारो वह लोग पहुंचे और यहां घटना को अंजाम देकर भागे।

-विभाष ने बोला था झूठ संतोष की गिरफ्तारी से खुला राज :

गिरफ्तारी के बाद विभाष ने पुलिस को बताया था कि बाइक से हजारीबाग के लिए चल दिया। उसके साथ गोरिया करमा बरही हजारीबाग निवासी संतोष विश्वकर्मा भी था। हजारीबाग में पहुंचकर वह संतोष को कहा कि तुमको पुलिस पहचान लेगी। इसलिए कपड़े बदल लो। वह संतोष के लिए कपड़े लाने दुकान पर चला गया। वह कपड़े लेकर लौटा तभी उसी के सामने आरोपित बाइक स्टार्ट कर मौके से भाग निकला। जबकि संतोष गिरफ्तारी के बाद बताया कि गहनों को वह लेकर भागा नहीं था बल्कि बंटवारे में उसे जो हिस्सा मिला था उसे ही वह लिया था।

-इन्हें मिली कामयाबी- गिरोह के सदस्यों को दबोचने के लिए एसपी के निर्देश पर एक एसआइटी का गठन किया गया था। इसमें एसडीपीओ चास पुरुषोतम कुमार सिंह, सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार, सेक्टर चार थाना इंचार्ज विनोद कुमार गुप्ता थे। अधिकारियों ने अगल ठिकानों पर छापेमारी के लिए सेक्टर चार थाना के सब इंस्पेक्टर विकास कुमार, रवि कुमार, ललन रविदास, सुरेश राम, सिटी थाना से सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार, चास थाना से अंकित पांडेय, हरला थाना से पंकज कुमार सिपाही भागीरथ महतो, कामेश्वर महतो, संतोष कुमार, मंजय कुमार सिंह समेत अन्य थे।


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