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बोकारो में मानव तस्करी के संदेह में अलेप्पी ट्रेन से उतारे गए 84 बच्चे

जागरण, संवाददाता, बोकारो : राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) और बालीडीह थाना पुलिस ने गुरुवार

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 09:10 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 09:10 AM (IST)
बोकारो में मानव तस्करी के संदेह में अलेप्पी  ट्रेन से उतारे गए 84 बच्चे
बोकारो में मानव तस्करी के संदेह में अलेप्पी ट्रेन से उतारे गए 84 बच्चे

जागरण, संवाददाता, बोकारो : राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) और बालीडीह थाना पुलिस ने गुरुवार को सूचना के आधार पर धनबाद-अलपुझा (3351) अलेप्पी एक्सप्रेस के एस-3, एस-6 और एस-7 से करीब 84 बच्चों और चार हाफिजों को बोकारो स्टेशन पर उतारा। सभी बच्चों को तेलंगाना के खम्मम स्थित मदरसा में ले जा रहे थे। इनकी उम्र 7 से 14 वर्ष के बीच है। प्रारंभिक पूछताछ में साथ जा रहे हाफिज ने बताया कि एक बच्चे को छोड़ सभी जामताड़ा जिले के नारायणपुर प्रखंड के आसपास क्षेत्र के रहने वाले हैं। एक बच्चा देवघर जिले के मधुपुर के रामपुर का रहने वाला है। जांच के दौरान पता चला कि दो को छोड़ सभी के पास धनबाद से विजयवाड़ा का टिकट था। बाल कल्याण समिति के सहयोग से सभी बच्चों को चास स्थित सहयोग विलेज में ठहराया गया है। लगभग 40 बच्चों के परिजन देर शाम जामताड़ा से बोकारो पहुंचे हैं।

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ट्रेन से उतारे गए सभी बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय हैं। हाफिज ने बताया कि खम्मम इसलिए ले जा रहे थे, क्योंकि वहां पढ़ाई अच्छी होती है और बच्चे भागने की कोशिश नहीं करते। पिछले पांच साल से परिजनों से बात करने के बाद ही बच्चों को खम्मम लेकर जाते हैं।

हाफिज शमशेर अहमद, लाल मोहम्मद, गुलाम रसूल और मोहम्मद मुस्लिम हैं। जिसमें शमशेर अहमद 40 बच्चों, गुलाम रसूल 32 बच्चों और मोहम्मद मुस्लिम 12 बच्चों को अगल-अगल बोगियों में ले जा रहे थे। मौके पर जीआरपी थाना प्रभारी एडवर्ड टोप्पो, रमेश ¨सह, मंटू बैठा, प्रयाग तिवारी, आरपीएफ ओसी आरके ¨सह, एसआइबी लाल बहादुर, सीआइबी एलबी यादव, बालीडीह थाना प्रभारी कमल किशोर सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। -------

प्रत्येक बच्चे के परिजन पढ़ाई के लिए भेजते हैं पांच सौ रुपया महीना

ट्रेन से उतारे गए बच्चों में से एक ने बताया कि पढ़ाई के लिए उनके परिजन मदरसे में पांच सौ रुपया महीना भेजते हैं, लेकिन खर्च करने को केवल 20 रुपये दिया जाता है। ज्यादातर बच्चे जामताड़ा जिले के ककरीबाग, चापापुर, केंदुआडीह और बरवा क्षेत्र के हैं। एक हाफिज मोहम्मद मुस्लिम और ट्रेन से उतारे गए बच्चों में से 58 पहली बार खम्मम जा रहे थे।

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कोट

प्रथम दृष्टया मामला मानव तस्करी का लग रहा है। क्योंकि, इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को घर से दूर केवल मदरसे में पढ़ाई के लिए ले जाया जा रहा है यह समझ से परे है। सबसे बड़ी बात कि किसी भी बच्चे के परिजन उसके साथ नहीं है। फिलहाल जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। पुलिस इन बच्चों के अभिभावकों व जामताड़ा जिला प्रशासन से संपर्क कर वास्तविकता जानने में जुटी हुई है।

डॉ. विनय कुमार ¨सह, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति बोकारो

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कोट

ट्रेन से उतारे गए बच्चों के परिजन थाना पहुंच गए हैं। मामले की जांच की जा रही है। अभी जांच पूरी नहीं हुई है। कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

एडवर्ड टोप्पो, थाना प्रभारी, जीआरपी, बोकारो


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