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संस्कार बचाने के लिए संस्कृत जरूरी

बोकारो : राष्ट्रीय संस्कृत प्रसार परिषद और संस्कृत भारती, बोकारो के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंत

By Edited By: Published: Wed, 10 Aug 2016 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2016 09:00 PM (IST)
संस्कार बचाने के लिए संस्कृत जरूरी

बोकारो : राष्ट्रीय संस्कृत प्रसार परिषद और संस्कृत भारती, बोकारो के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरविद्यालयीय संस्कृत मेधाविता एवं श्लोक पाठ, संस्कृत भाषण, निबंध प्रतियोगिताओं के परिणाम की समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय संस्कृत प्रसार परिषद के संयोजक सह जिला शिक्षा पदाधिकारी महीप कुमार ¨सह ने कहा कि संस्कृत देवोपम विचारों से परिपूर्ण ज्ञान विज्ञान का सागर है। शास्त्र, सदाचार, सद्विचार संस्कृत के आधार हैं।

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यह सभी तरह से श्रेयस्कर है कि हमारी युवा पीढ़ी तकनीकी ज्ञान से पूर्ण होने के साथ ही सुसंस्कारों से भी संपन्न हो। इसके लिए 'संस्कृत' को किसी न किसी रूप में अपनाना ही पड़ेगा। जो विद्यार्थी संस्कृत विषय में दसवीं-बारहवीं वर्ग में ए-1 ग्रेड अथवा 91 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किए उन्हें संस्कृतमेधाविता प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।

विभिन्न विद्यालयों से प्राप्त संस्कृत मेधाविता की सर्वाधिक संख्या के आधार पर प्रथम स्थान डीपीएस बोकारो, द्वितीय स्थान श्रीअयप्पा पब्लिक स्कूल एवं तृतीय स्थान चिन्मय विद्यालय बोकारो को प्रदान किया गया। 18 अगस्त को श्रीअयप्पा पब्लिक स्कूल बोकारो के सभागार में संस्कृत दिवस समारोह में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। मौके पर शशिभूषण त्रिपाठी, वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, विनय कुमार पांडेय, डॉ. रामनारायण ¨सह, दुलाल चटर्जी, सरिता कुमारी, बालशेखर झा, सुनीता पाठक, पुष्पलता ¨सह, डॉ. आत्मानंद ¨सह, सत्यदेव तिवारी, रामबचन ¨सह आदि उपस्थित थे।


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