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आज से बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का वाहन होगा सीज

अमित माही ऊधमपुर क्या आप भी वर्ष 1998 से लेकर 2016 माडल वाहन के मालिक हैं तो यह खबर

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 01:16 AM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 01:16 AM (IST)
आज से बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का वाहन होगा सीज
आज से बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का वाहन होगा सीज

अमित माही, ऊधमपुर :

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क्या आप भी वर्ष 1998 से लेकर 2016 माडल वाहन के मालिक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि सोमवार से इस माडल के वाहन बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) के पकड़े गए तो सीधे जब्त होंगे, जिसे छुड़वाने के लिए लंबी प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी। इसलिए कार्रवाई और परेशानी दोनों से बचने के लिए वाहनों के एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने के बाद ही सड़क पर अपना वाहन को निकलें।

बता दें कि वाहनों पर एचएसआरपी लगाना दस वर्ष पूर्व 2012 में शुरू हो गया था, जिसके चार वर्ष बाद 2016 से वाहन डीलर बेचे जाने वाले नए वाहन के पंजीकरण के लिए परिवहन विभाग के पास आवेदन करने लगे। वर्ष 2020 से इस नियम में बदलाव कर पंजीकरण से लेकर नए वाहनों में एचएसआरपी लगाने का काम भी वाहन डीलरों को सौंप दिया गया। कई मामलों में फायदेमंद एचएसआरपी को जम्मू कश्मीर में हर वाहन के लिए अनिवार्य कर दिया गया है और वाहन पर इसे लगाने की अंतिम तारीख 15 मई 2022 निर्धारित कर दी थी। अतिरिक्त परिवहन आयुक्त ने पिछले माह बकायदा आदेश जारी कर सभी वाहन मालिकों को 15 मई 2022 तक वाहनों में एचएसआरपी लगाने को सुनिश्चित करने का अंतिम नोटिस भी जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद मई माह की शुरुआत से परिवहन विभाग ने भी वाहनों पर एचएसआरपी जांच के लिए विशेष अभियान चला रखा है, जिसमें प्रतिदिन तकरीबन 100 से सवा सौ वाहनों की रसीदें काट कर उनका पंजीकरण किया जा रहा है। मगर जागरूकता और एचएसआरपी के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया अब बंद हो गई। अब बिना एचएसआरपी नंबर प्लेट लगा वाहन पकड़े जाने पर उसे सीज कर लिया जाएगा। इसे ब्लैकलिस्ट तक किया जा सकता है। या फिर लंबी प्रक्रिया अपना कर आवेदन करने के बाद एचएसआरपी नंबर लगाने के बाद ही छुड़वा पाना संभव होगा।

इसलिए अप्रैल 2019 से पहले सोमवार से बिना एचएसआरपी लगा वाहन सड़कों पर न ही उतारें तो बेहतर होगा। ऐसे वाहनों को उतारने से पहले परिवहन विभाग के पास एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने के लिए आवेदन करें। सप्ताह के अंदर वाहन पर एचएसआरपी नंबर प्लेट लग जाएगी, जिसके बाद पहले की तरह वाहनों को चलाया जा सकेगा। सड़क पर नहीं चल पाएंगे 25 वर्ष पुराने वाहन :

एचएसआरपी नंबर प्लेट अनिवार्य होने के बाद ऊधमपुर जिले की सड़कों पर 25 वर्ष पुराने वाहनों का चलना संभव नहीं होगा। क्योंकि 25 वर्ष से अधिक पुराने यानी वर्ष 1997 माडल या इससे पहले के वाहन की समयावधि पूरी होने के बाद एचएसआरपी प्लेट ही नहीं लग पाएगी। ऐसे में बिना एचएसआरपी नंबर वाले पुराने वाहनों की पहचान कर उनको पकड़ कर जब्त करना भी आसान हो जाएगा। साधारण है एचएसआरपी के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया :

जिन वाहनों की 25 वर्ष की अवधि पूरी नहीं हुई है, उन वाहनों के मालिक आसानी से अपने वाहन पर एचएसआरपी लगवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें परिवहन विभाग के दफ्तर के काउंटर नंबर चार पर जाकर एचएसआरपी के लिए आवेदन करना होगा। इसके साथ ही वाहन के लिए निर्धारित शुक्ल अदा करना होगा। जिसके बाद एक सप्ताह के अंदर वाहन की एचएसआरपी नंबर प्लेट बना कर वाहन पर लगा दी जाती है। गियर और बिना गियर वाले स्कूटरों के लिए 170 रुपये, मोटरसाइकिल के लिए 128 रुपये और सभी प्रकार के चारपहिया वाहनों के लिए 401 और आटो रिक्शा के लिए 198 रुपये है। जिले में अनुमानित छह हजार बिना एचएसआरपी के वाहन :

एआरटीओ ऊधमपुर जुगल किशोर ने कहा कि जिले में बिना एचएसआरपी के छह हजार के करीब वाहन होने का अनुमान है। परिवहन विभाग के मुताबिक जिले में कुल मिलाकर 88 हजार के करीब वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें कई वाहन रियासी और डोडा जिलों में चल रहे हैं। विभाग के मुताबिक इनमें से करीब 10 से 12 प्रतिशत ही बिना एचएसआरपी के चल रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े में प्रतिदिन 100 से सवा सौ ऐसे वाहनों का पंजीकरण एचएसआरपी के लिए किया जा चुका है। अनुमान है छह हजार के करीब वाहन ही बिना एचएसआरपी के हैं। सोमवार से बिना एचएसआरपी के सड़क पर आने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी। यह हैं हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) के फायदे :

एचएसआरपी में रेट्रो रिफ्लेक्टिव शीट, क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम, हाट स्टैंपिंग, अल्फा न्यूमेरिकल कोड और अन्य कई विशेषताएं होती हैं, जिससे इसमें छेड़छाड़ करना करना संभव नहीं होता।

चोरी होने पर वाहन की पहचान कर उसे पकड़ना आसान हो जाता है।

एचएसआरपी में संग्रहित डेटा को एक सर्वर में डिजिटल मोड में रखा जाएगा। इसे ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग व अन्य एजेंसियां आसानी से एक्सेस कर जानकारियां जुटा सकती हैं।

यह अनधिकृत एजेंसियों और लोगों द्वारा फर्जी नंबर प्लेट लगा कर चलने वाले वाहनों के प्रयोग को रोकता है।


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