ऊधमपुर में एक माह बाद शराब की दुकानें खुलीं, उमड़ी भीड़
जागरण संवाददाता ऊधमपुर एक माह बाद शुक्रवार को जिले में लाइसेंस प्राप्त कर चुकी दुकानें
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : एक माह बाद शुक्रवार को जिले में लाइसेंस प्राप्त कर चुकी दुकानें स्टाक आने पर खुल गई। हालांकि स्टाक समय पर न पहुंचने की वजह से दुकानें देरी से खुलीं, मगर दुकानें खुलने के समय से एक घंटा पहले से ही लोग दुकान के बाहर कतारों में लग गए। पहले दिन कुछ ही दुकानें खुलने की वजह से दुकानों के बाहर 300 मीटर तक लंबी कतारें लगी रहीं। लोग तेज धूप में शराब पाने के लिए घंटों इंतजार करते देखे गए। वहीं, शराब की दुकानें खुलने से और उनके बाहर लगी लंबी कतारों से आम लोगों को परेशानी भी हुई।
केंद्रशासित प्रदेश बनने से पहले शराब की दुकान खोलने के लिए जारी लाइसेंस की अवधि 30 अप्रैल को समाप्त हो गई। इसके बाद शराब की दुकानों के लाइसेंस सालभर के लिए ठेके पर देने की व्यवस्था लागू कर दी गई, जिसके चलते एक मई से पूरे जम्मू कश्मीर की तरह ऊधमपुर में भी शराब की दुकानें बंद हो गई। सफल बोली लगाने वाली दुकानों को लाइसेंस जारी हो पाता, इससे पहले ही कोरोना महामारी की वजह से कोरोना कर्फ्यू लग गया। इसलिए पिछले एक माह से शराब की दुकानें बंद थीं।
अब अनलाक प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही जिला प्रशासन ने जारी किए नए रोस्टर में शराब की दुकानों को भी सप्ताह में दो दिन सोमवार और शुक्रवार को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी। इसके साथ ही शराब की दुकानों के ठेके लेने वाले जिन लोगों को लाइसेंस जारी हो चुके हैं, उन्होंने अपनी दुकानें खोलने के लिए तैयारियां शुरू कर दी। सोमवार को प्रक्रियाएं पूरी होने और स्टाक न होने की वजह से शराब की दुकानें नहीं खुल पाई थीं, मगर शुक्रवार को ऊधमपुर में शराब की दुकानें खुलीं। सफल बोली लगाकर ठेके लेने वाले 19 आवेदकों में से 10 लोगों को लाइसेंस जारी हो चुके हैं। इन्होंने अपनी दुकानें खोलने की सभी तैयारियां शुरू कर दी। सुबह स्टाक पहुंचने के बाद ऊधमपुर में शराब की छह दुकानें खुलीं। ये दुकानें ऊधमपुर के वार्ड नंबर तीन, वार्ड नंबर 10 और वार्ड नंबर 18 के अलावा जगानू मोड़, मजालता और मंथल में खुलीं।
एक महीने बाद और कई दुकानों के दोपहर को खुलने की वजह से शराब की हर दुकान के बाहर हालात कमोबेश एक जैसे थे। हर जगह लंबी कतारें और शराब खरीदने की होड़ एक जैसी थी। शराब की दुकान पर लगा था आटोमोबाइल शाप का बोर्ड
शराब की दुकान का लाइसेंस प्राप्त करने वालों को नियम अनुसार दुकान के बाहर वाइन शाप का बोर्ड लगना अनिवार्य होता है, जिस पर लाइसेंस नंबर, लाइसेंस धारक का नाम और दुकान का पता लिखना होता है। मगर ऊधमपुर में वार्ड नंबर दस में एसएसपी दफ्तर के पास खुली शराब की दुकान खोलने वाले लाइसेंस धारक ने ऐसा नहीं किया था। जिस दुकान में शराब बेची जा रही थी, उस पर वाइन शाप की जगह शिवशक्ति आटो मोबाइल लिखा गया था। दोपहर बाद विभाग को इसकी जानकारी होने पर दुकान पर वाइन शाप का बोर्ड लगवाया गया। घरों के बाहर बाहर लगी लंबी कतारों से परेशान हुए लोग
शराब की दुकानें खुलने का समय सुबह नौ बजे था, मगर शराब लेने के लिए लोग दुकानों के बाहर सुबह आठ बजे से पहुंचना शुरू हो गए थे, ताकि वे जल्दी शराब खरीद सकें। कुछ दुकानदारों ने तो रात को ही सारी तैयारियां कर ली थी, मगर वीरवार को ट्रेड बंद होने की वजह से जम्मू में शराब का स्टाक ऊधमपुर नहीं पहुंच पाया। इस वजह से शराब की ज्यादातर दुकानें देरी से खुलीं। एसएसपी दफ्तर के पास सबसे पहले सुबह दस बजे स्टाक पहुंचा और वहां पर शराब की बिक्री शुरू हो गई। वहीं, कई लोग एमएच चौक से टाउन जाने वाले मार्ग पर स्थित कांप्लेक्स के बाहर शराब की नई दुकान के बाहर उसके खुलने का इंतजार कर रहे थे, मगर यह दुकान दोपहर को खुली। सुबह एसएसपी दफ्तर के पास खुली शराब की दुकान पर शराब मिलने की जानकारी मिलते ही टाउन हाल मार्ग पर स्थित न खुलने वाली दुकान के बाहर जमा लोग भी एसएसपी दफ्तर के पास खुली दुकान पर शराब खरीदने पहुंच गए। समय के साथ शराब खरीदने वाले लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई। दोनों तरफ लोगों की तीन से चार लाइनें करीब 200 मीटर तक लग गई। एक तरफ से कतार शराब की दुकान से लेकर यूनियन चर्च तक और दूसरी तरफ एमएच चौक तक पहुंच गई थी। शारीरिक दूरी के नियम की उड़ी धज्जियां
शराब खरीदने आए लोगों ने शराब खरीदते समय कोरोना से बचाव के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई। सुबह शुरू में तो लोग दुकान के बाहर लगाए गए गोलों में खड़े हुए, मगर लोगों की बढ़ती भीड़ और जल्द शराब लेने की होड़ में थोड़ी ही देर में लाइन में खड़े लोगों के बीच की दूरी कम होते-होते खत्म ही हो गई। लोग एक दूसरे से सटकर खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने लगे। वहीं, टाउन हाल मार्ग पर स्थित शराब की दुकान पर शराब खरीदने के लिए शारीरिक दूरी के नियम सहित अन्य नियमों का जमकर उल्लंघन किया। पुलिस भी लोगों से कोरोना से बचाव के नियम का पालन कराने में विफल साबित हुई। कुछ दुकानों में स्थिति थोड़ी बेहतर दिखी, मगर ज्यादातर खुली दुकानों पर लोगों की भीड़ ने शराब के लिए कोरोना संक्रमण के खतरे को पूरी तरह से भुला रखा था। ऊधमपुर में एक माह से अधिक समय के बाद शराब की दुकानें खुली हैं। हालांकि सभी को दुकान खोलने से पहले दुकानों के ऊपर लाइसेंस धारक का नाम, नंबर और शराब की दुकान की जानकारी का बोर्ड लगाने और दुकानों के बाहर गोले बनाने को कहा था। गोले सभी दुकानदारों ने बनाए थे। मगर पहला दिन होने की वजह से कुछ दुकानों पर बोर्ड नहीं लगे थे। इसकी जानकारी होने पर विभाग ने दोपहर तक दुकानदारों को दुकानों के बाहर बोर्ड लगवाने के सख्त निर्देश दिए। नई दुकानें होने व पहला दिन होने की वजह से कुछ कमियां रह गई। इसके साथ ही एक माह से अधिक समय से शराब की दुकानें बंद होने की वजह से पहले दिन भीड़ रही। अगले सप्ताह से भीड़ कम हो जाएगी और लोगों को भीड़ की वजह से जो परेशानियां हुई है, वह नहीं होंगी।
- रुपाली वैद, एक्साइज एंड टेक्सेशन अधिकारी, ऊधमपुर-रियासी