पेयजल के लिए सड़क पर उतरे ग्रामीण
पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मियो की काम छोड़ हड़ताल के कारण पेयजल की समस्या गंभीर हो गई है। लोग सुबह से शाम तक पेयजल के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। खासकर शिवखोड़ी में भोले बाबा के दर्शन के लिए आने-वाले श्रद्धालुओं को पीने के पानी को लेकर काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इससे नाराज स्थानीय लोगो ने वीरवार को पीएचई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी,पौनी : पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मियो की काम छोड़ हड़ताल के कारण पेयजल की समस्या गंभीर हो गई है। लोग सुबह से शाम तक पेयजल के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। खासकर शिवखोड़ी में भोले बाबा के दर्शन के लिए आने-वाले श्रद्धालुओं को पीने के पानी को लेकर काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इससे नाराज स्थानीय लोगो ने वीरवार को पीएचई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अगर जल्द पानी की आपूर्ति सुचारु नहीं की गई तो वे उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे।
पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मचारियों की काम छोड़ हड़ताल के कारण क्षेत्र में पीने के पानी की सप्लाई बंद है। लोग पीने के पानी के लिए नलों को खोलते रहे, लेकिन नलों से एक बूंद पानी भी नहीं टपक रहा है। पानी की आपूर्ति न होने पर पौनी के कई गांवों के लोग आज भी बाबलियों से पानी जरूर लाते हैं। तहसील के खैरालेड, गजोड़, काना, डब खालसा, लेतर, संगड और धनुआ गांव में पानी की समस्या गंभीर बनी हुई है। लोगों को प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की जरूरत है, लेकिन विभाग की तरफ से पर्याप्त मात्रा में सप्लाई उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
ब्लॉक चैयरमेन पवन कुमार शर्मा का कहना है खैरालेड़, गजोड क्षेत्र में रोजना तीस हजार लीटर पानी की जरूरत है, लेकिन विभाग की तरफ से पांच से दस हजार पानी की सप्लाई दी जा रही है।
गम हो या खुशी बावलियों से लाना पड़ता है पानी भांवला और लेतर में करीब चालीस हजार लीटर पानी की रोजाना जरूरत है, लेकिन ग्रामीणों तक मात्र दस हजार लीटर पानी ही पहुंच रहा है। पौनी बाजार और आस-पास के नजदीक पड़ते गांव पुरेया, काना, लैड, सुंगल, कैंका, ध्रमन, वियुलियां आदि में रोजाना करीब साठ हजार लीटर पीने के पानी की जरूरत है, लेकिन लोगों को मात्र बीस हजार लीटर पानी की सप्लाई ही मिल रही है। संगड और पोरा कोटला पंचायत में आज भी लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं। घरों पर गम हो या फिर खुशी हर परिवार को बाल्टी भर पानी लाना पड़ता है, ताकि घर पर आए मेहमानों को पीने के पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े। इतना ही नहीं उक्त दोनों पंचायतों में कई लोग बारिश का पानी इकट्ठा करने के बाद कई दिनों तक उसका प्रयोग करते हैं। 70 हजार आबाद के लिए 50 स्कीमें फिर भी प्यासे लोग
पौनी की सरपंच सुनीता देवी व काना के सरपंच संजीव कुमार ने बताया कि पीने के पानी को लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन को अवगत कराने के बाद धरना प्रदर्शन किया गया हैं, लेकिन विभाग पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। क्षेत्र की करीब 70 हजार की आबादी है। इनमें से करीब पचास हजार लोग पीएचई की पानी की सप्लाई पर निर्भर हैं। इलाके में पीएचई की तरफ से करीब पचास वाटर सप्लाई स्कीम चालू की गई हैं, लेकिन इसके बावजूद लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है।
पौनी नाला से ऊपर बाजर और मुख्य बाजार स्थित लैड, सुंगल और काना, सान नाला से लेतर पंचातय, काना और पौनी पंचायत के कई गांव में सप्लाई दी जाती है।
इन जगाहों पर वाटर स्कीमें
भांवला के विसी नाला, रनसू में संगड और शिवखोड़ी, त्योट में अलैआ और गजोड़ कोठियां आदि क्षेत्र में पीएचई की काफी स्कीमें चल रहीं हैं, लेकिन कर्मचारी समय के मुताबकि लोगों को सप्लाई नहीं पहुंचा पा रहे हैं।
सरपंच ने जुड़वाई नाला क्षेत्र में पाइप लाइन
पीएचई कर्मियों ने अपनी हड़ताल के कारण नाला क्षेत्र में मुख्य जलस्त्रोतों के निकट मुख्य पाइप लाइन खोल दी थी। ताकि पौनी बाजार में बने वाटर हौज में पानी सप्लाई न पहुंच सके। ग्रामीणों का कहना है कि पीएचई कर्मी हड़ताल करें, लेकिन सप्लाई को प्रभावित करना उचित नहीं है। माड़ी नाला पंचायत के सरपंच प्रकाश सिंह ने वीरवार को पीएचई अधिकारियों से बात कर पाइप लाइन को दुरुस्त करवाया। उन्होंने बताया कि पीएचई कर्मियों द्वारा कई जगहों से पाइप लाइन खोल दिए जाने से गांवों में पानी की आपूर्ति नहीं पहुंच रही थी। पेयजल सुविधा से वंचित गांवों में पेयजल स्कीमें शुरू करने के लिए सर्वे हो चुका है। प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। हड़ताल के कारण पानी आपूर्ति सुचारु बनाए रखने में परेशानी हो रही है। पाइप लाइन खोलने के मामले की जांच करवाई जाएगी।
सुरेश गोस्वामी, एईई पीएचई विभाग