एक बार फिर से लागू हुई धारा 144 ने थामी ऊधमपुर की रफ्तार
जागरण संवाददाता ऊधमपुर अयोध्या में राम मंदिर पर आने वाले फैसले के मद्देनजर शनिवार को
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : अयोध्या में राम मंदिर पर आने वाले फैसले के मद्देनजर शनिवार को एक बार फिर वैसे हालात बने नजर आए, जैसे पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 समाप्त करने पर हुए थे। इस बार भी शुक्रवार को मध्यरात्रि में आने वाले फैसले के मद्देनजर जिला प्रशासन ने ऊधमपुर में धारा 144 लागू कर दी। हालांकि 5 अगस्त को लागू धारा 144 जैसी सख्ती नहीं थी।
अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त भी लोगों को पहले कुछ पता नहीं था और इस बार भी राम मंदिर पर आने वाले फैसले के चलते लागू की गई धारा 144 की जानकारी लोगों को सुबह ही हुई। डीसी डॉ. पियूष सिंगला ने धारा 144 लागू करते हुए पूरे जिले में पांच से ज्यादा लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक लगा दी। इसके साथ ही किसी प्रकार की आतिशबाजी या जश्न मनाने पर रोक लगा दी। निर्देशों के मुताबिक स्कूल, कॉलेज व व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रखने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही सार्वजनिक यात्री वाहनों के चलने पर भी रोक लगा दी गई।
पहले ही सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर सुरक्षा कर्मी तैनात हो चुके थे, मगर किसी को रोका नहीं जा रहा था। बाजार में कई दुकानें खुलनी शुरू हो गई थीं। इसके बाद डीएसपी मुख्यालय रोहित चड़गाल ने शहर में गश्त लगानी शुरू की। साथ ही जिला सूचना विभाग के कर्मचारियों ने पुलिस वाहन में लाउड स्पीकर लगाकर धारा 144 लागू करने की जानकारी दी। इसके साथ ही बाजार में खुली दुकानों को बंद करवाना शुरू कर दिया। कंटीले तारों से बंद किए रास्ते
धारा 144 लागू होने के बाद सुबह दस बजे तक स्थिति ठीक रही, लेकिन फैसला आने से आधा घंटा पहले अचानक सख्ती बढ़ गई। लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए पूरे शहर में तारबंदी कर दी गई। टाउन हाल, बस स्टैंड के पास, गोल मार्केट से मेन बाजार, मुखर्जी बाजार और सीएमओ दफ्तर की तरफ जाने वाले रास्तों के अलावा वीनस चौक, रामनगर चौक, सलाथिया चौक पर कंटीले तार लगा कर रास्तों को बंद कर दिया गया। इसके साथ ही फैसला आने से आधा घंटा पहले और आधा घंटा बाद शहर में काफी सख्ती रही, मगर सब कुछ ठीक रहने पर सख्ती कम कर दी गई, लेकिन तार यथावत लगे रहे। मगर जरूरत होने पर लोगों को जाने भी दिया गया। सलाथिया चौक के पास कोर्ट रोड पर लगाए गए कंटीले तार को ऊपर उठाकर लोग दोपहिया वाहनों सहित नीचे से गुजरते रहे। ऐसा करने वालों को सुरक्षाबलों ने कड़ी फटकार लगाने के साथ ही बाद में तार को अच्छी तरह से बांध दिया, जिसके बाद लोगों का तार उठाकर नीचे से गुजरना बंद हो गया। वहीं, पूरे बाजार में तार लगे होने की वजह से लोगों ने विभिन्न मुहल्लों के बीच होकर जाने वाली गलियों को अपना कर या लंबे रास्ते अपना कर गंतव्य तक पहुंचने का सफर पूरा किया। सुरक्षा के रहे कड़े प्रबंध
अयोध्या राम मंदिर पर आए फैसले के मद्देनजर जिले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहे। हर प्रमुख चौक-चौराहे पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात रहे, जो हर आने-जाने वाले पर नजर रखे हुए थे। इसके अलावा ईदगाह व मस्जिद वाले क्षेत्रों में भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहे। सुबह से लेकर शाम तक पुलिस के गश्ती वाहन बाजार में घूमते रहे। शहर के पेट्रोल पंप भी रहे बंद
धारा 144 लागू होने के साथ ही सुबह 10 बजे शहर के पेट्रोल पंपों को भी पुलिस ने बंद करवा दिया। हालांकि इससे पहले लोगों को पेट्रोल पंपों से तेल मिलता रहा, मगर इसके बाद सख्ती से पंप बंद करवा दिए जाने के बाद वहां पर सुरक्षाबल के जवानों ने आने वाले वाहनों को लौटाना शुरू कर दिया। जिसके चलते शहर के अंदर स्थित किसी भी पेट्रोल पंप पर लोगों को पेट्रोल व डीजल नहीं मिला। इससे उनको परेशानी हुई। कई वाहनों के तेल खत्म हो गए। जिन वाहनों का तेल खत्म हुआ, उनमें से कुछ ने अपनी जान-पहचान वालों के यहां अपने वाहन खड़े किए। जबकि कुछ दोपहिया वाहन चालक अपने वाहनों को धक्का लगा कर घर ले गए। लोगों को मिलती रहीं आवश्यक चीजें
अयोध्या राम मंदिर पर आए फैसले के मद्देनजर जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही, मगर सख्ती पांच अगस्त को लागू धारा 144 जैसी नहीं थी। हालांकि 90 फीसद तक दुकानें बंद रहीं, मगर दवा के साथ हलवाई की दुकानें खुली रहीं। इसके साथ ही बीच-बीच में फल और सब्जी की दुकानें भी खुली रहीं। जहां पर लोग भी फल व सब्जी खरीदते नजर आए। स्थिति रही पूरी तरह सामान्य
राम मंदिर पर आए फैसले के बाद धारा 144 लागू होने के बाद ऊधमपुर में कहीं पर किसी तरह का न तो जश्न मनाया गया, न ही कहीं पर किसी तरह का विरोध प्रदर्शन ही हुआ। पूरे जिले में स्थिति पूरी तरह से सामान्य रही और किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला। यात्री वाहनों के लिए लोग हुए परेशान
ऊधमपुर में लागू धारा 144 के चलते शनिवार को सड़कों पर यात्री वाहन न के बराबर दिखे। सुबह नौ बजे तक सड़क पर कुछ एक बसें और मेटाडोरें नजर आई, मगर इसके बाद शहर में बीच-बीच में इक्का दुक्का मेटाडोरें चलती रहीं। हालांकि प्रशासन ने बसों और मेटाडोरों को बंद रखा था। यात्री वाहनों के बंद होने से दफ्तरों को आने-जाने वाले लोगों को परेशानी हुई। इसके साथ ही मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा व टैक्सी की मदद लेनी पड़ी। अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे 50 फीसद कम मरीज
धारा 144 की वजह से शनिवार को अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में भी कमी आई। सामान्य तौर पर जिला अस्पताल में 1300 से 1600 तक मरीज ही प्रतिदिन पहुंचते हैं। जबकि शनिवार को धारा 144 लागू होने की वजह से यह आंकड़ा 50 फीसद तक गिर गया। जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. विजय बसनोत्रा ने बताया कि शनिवार को जिला अस्पताल में ओपीडी में 700 से 800 मरीज ही जांच व उपचार के लिए पहुंचे।