शौर्य दिवस पर शहीदों को किया नमन
संवाद सहयोगी, रियासी : रियासी के बिडा में स्थित सीआरपीएफ 126 वाहिनी द्वारा शौर्य दिवस पर र
संवाद सहयोगी, रियासी : रियासी के बिडा में स्थित सीआरपीएफ 126 वाहिनी द्वारा शौर्य दिवस पर रविवार को रियासी के सरकारी ब्वॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें इसी स्कूल से शिक्षा हासिल कर सीआरपीएफ में भर्ती हुए रियासी के उन दो शहीदों सिपाही जीडी बोधराज और सिपाही जीडी संजय कुमार को नमन किया गया, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा और अपने फर्ज के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इस कार्यक्रम में वाहिनी के कमांडेंट रणदीप शर्मा और रियासी के एडीसी बाबूराम के अलावा शहीदों के परिवार वाले मुख्य तौर पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद सिपाही बोधराज और शहीद सिपाही संजय कुमार की तस्वीर पर पुष्प माला चढ़ा कर की गई। इस मौके पर वाहिनी के कमांडेंट रणदीप शर्मा और डिप्टी कमांडेंट रवि कला ने बताया कि इसी स्कूल के इन दो विद्यार्थियों ने सीआरपीएफ की दूसरी वाहिनी में शामिल होकर बलिदान की ऐसी गाथा लिख डाली जो सदा याद रहने के साथ मातृभूमि के प्रति फर्ज के लिए औरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि शहीद सिपाही बोधराज का जन्म रियासी के विजयपुर गांव में वर्ष 1969 में हुआ था। रियासी के इसी स्कूल में शिक्षा हासिल करने के बाद वर्ष 1990 में वह सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उन्होंने देश के विभिन्न जगहो पर अपनी सेवाएं दी। 28 अगस्त 2001 को सीआरपीएफ की दूसरी वाहिनी की एक टुकड़ी मणिपुर के दलाई जिले के धनवान पारा गांव में उग्रवादियों के खिलाफ एक अभियान पर थी। उग्रवादियों के साथ उस टुकड़ी के जवानों के बीच हुई फाय¨रग में गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी सिपाही बोधराज डटे रहे और उग्रवादियों को मुंह की खानी पड़ी। इस मुठभेड़ में बोधराज वीर गति को प्राप्त हुए।
रियासी के दूसरे शहीद सिपाही संजय कुमार का जन्म रियासी के चेतर गांव में वर्ष 1982 में हुआ था। उन्होंने भी इसी स्कूल से पढ़ाई की और सीआरपीएफ में भर्ती हुए। 20 जून वर्ष 2009 को छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा जिला में सीआरपीएफ की दूसरी बटालियन की दो प्लाटून सर्च ड्यूटी समाप्त कर जब वापस लौट रही थी, तब उनकी गाड़ी को नक्सलियों द्वारा शक्तिशाली लैंडमाइन ब्लास्ट से उड़ा दिया गया। इस घटना में सिपाही संजय कुमार के अलावा 11 अन्य जवान भी वीर गति को प्राप्त हुए। इस मौके पर एडीसी बाबूराम, चीफ एजुकेशन ऑफिसर बिशन ¨सह और स्कूल के ¨प्रसिपल सुदर्शन पंडोह ने कहा कि रियासी के इन दोनों शहीदों ने रियासी के साथ-साथ जवानों का सीना भी गर्व से चौड़ा किया है। धन्य है यह धरती, और धन्य हैं वह माता-पिता, जिनके बेटे देश की खातिर अपने प्राण तक न्योछावर कर देते हैं।
हायर सेकेंडरी स्कूल में कार्यक्रम संपन्न होने के बाद रियासी के भारतीय विद्या स्कूल में भी सीआरपीएफ 126 वाहिनी द्वारा मेरा भारत महान विषय पर विद्यार्थियों में वाद विवाद प्रतियोगिता करवाई गई, जिसमें भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।