जाम, हादसों व परेशानियों का सबब बना सलाथिया चौक मेटाडोर स्टैंड
जागरण संवाददाता ऊधमपुर सलाथिया चौक स्थित मेटाडोर स्टॉप अवैध तरीके से मेटाडोर स्टैं
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : सलाथिया चौक स्थित मेटाडोर स्टॉप अवैध तरीके से मेटाडोर स्टैंड की तरह चल रहा है। इस कारण यहां पर जाम की स्थिति रहती है। कई बार हादसे हो चुके हैं और लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन, परिवहन विभाग की ओर से कुछ नहीं किया गया है।
सलाथिया चौक पर पिछले कई साल से अवैध रूप से मेटाडोर स्टैंड चल रहा है, मगर लोगों की परेशानी और हादसों की वजह बनने वाले इस अवैध मेटाडोर स्टैंड को हटाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कुछ नहीं किया गया है। वर्षो से चली आ रही इस समस्या को देखते हुए वर्ष 2010 में जिला प्रशासन ने पूर्व में जारी सभी आदेशों को रद करते हुए सलाथिया चौक पर मेटाडोर स्टॉप घोषित किया था। इन निर्देशों में स्पष्ट कहा गया था कि इस मेटाडोर स्टॉप का इस्तेमाल सिर्फ सवारियों को चढ़ाने और उतारने के लिए किया जा सकता है। कोई भी मेटाडोर पांच मिनट से अधिक समय तक खड़ी नहीं हो सकती। मगर करीब नौ साल पहले जारी हुआ निर्देश भी ज्यादा समय तक प्रभावी नहीं रह पाया और यह मेटाडोर स्टॉप फिर से अवैध मेटाडोर स्टैंड में तब्दील हो गया। हर समय यहां पर निर्धारित संख्या से ज्यादा ही वाहन खड़े रहते हैं। कई बार यह आधे घंटे या इससे भी ज्यादा देर तक खड़े रहते हैं। प्रशासन ने इस स्टॉप पर मेटाडोरों के खड़ा होने के लिए कंक्रीट बैरियर से लंबाई लेन बनाई, मगर इस लेन के अंदर और बाहर मेटाडोरों के खड़ा रहने से अक्सर जाम के हालात बने रहते हैं। इतना ही नहीं अवैध स्टैंड के आगे-पीछे भी सड़क किनारे अक्सर मेटाडोरें खड़ी होकर यात्रियों को चढ़ाती व उतारती हैं। इससे जाम के साथ यह हादसों की वजह बन रहा है। कई बार तो जाम इतना भीषण होता है कि लोगों को रास्ता बदल कर वैकल्पिक मार्गो से होते हुए अपने गंतव्यों तक जाना पड़ता है। मेटाडोर स्टैंड बन चुके मेटाडोर स्टॉप को शिफ्ट करने के लिए योजनाएं तो कई बार बनीं, मगर आज तक परवान नहीं चढ़ सकी हैं। हर समय रहता है सलाथिया चौक पर जाम
अवैध मेटाडोर स्टैंड और उसकी वजह से लगने वाले जाम के कारण सलाथिया चौक हादसों का चौक बनता जा रहा है। महीने-दो महीने में सलाथिया चौक पर कोई न कोई हादसा होता है। इनमें से ज्यादातर हादसों की वजह जाम के साथ इस मार्ग से गुजरने वाले मेटाडोर, बसों व ऑटो चालकों की लापरवाही होती है। हादसों का शिकार होकर घायल होने से लेकर मरने वालों में पैदल गुजरने या दोपहिया वाहन चालकों की संख्या ज्यादा रहती है। लोगों की जान पर लगातार भारी पड़ रहे इस चौक पर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस दोनों होते हैं, मगर यातायात नियंत्रित करने में दोनों ही पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं। जहां जी चाहे मार देते हैं ब्रेक
ऊधमपुर में मेटाडोर वालों से लेकर बस चालकों और यात्री वाहनों की सबसे खराब आदत है। वे जहां जी चाए वहीं पर ब्रेक मार देते हैं। यात्रियों को वाहन में चढ़ाने और उतारने के लिए तेज रफ्तार से चलने वाली मेटाडोरें यात्री नजर आने या किसी के उतरने की जगह आते ही अचानक बीच सड़क पर ब्रेक लगा कर वाहन रोक देते हैं। ऐसे में कई बार उनके पीछे चल रहे वाहन ब्रेक न लगने की वजह उनसे टकरा कर या उनसे बचने के लिए दूसरी तरफ जाकर हादसे का शिकार होते हैं। इस समस्या पर भी जिला प्रशासन, परिवहन विभाग और जिला पुलिस कोई भी अंकुश नहीं लगा पाई है। सलाथिया चौक में अवैध मेटाडोर स्टैंड में बदल चुके मेटाडोर स्टॉप को शिफ्ट करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। त्योहारी सीजन के चलते इसे अमली जामा नहीं पहनाया गया था। डीएसपी ट्रैफिक से भी इस मुद्दे पर बात की गई है। जल्द ही इस समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। वाहन चालकों को सड़क पर कहीं पर भी ब्रेक न लगाने के लिए लगातार जागरूक किया जाता है। पकड़े जाने पर कार्रवाई भी की जाती है। यात्री वाहन चालकों की इस समस्या को हल करने के लिए भी जल्द उचित कदम उठाए जाएंगे।
- रचना शर्मा, एआरटीओ ऊधमपुर