पिटाई के विरोध में कक्षाओं का बहिष्कार, धरना देकर नारेबाजी
संवाद सहयोगी, रियासी : केंद्रीय विद्यालय ज्योतिपुरम में भारत माता की जय और पाकिस्तान के खिलाफ
संवाद सहयोगी, रियासी : केंद्रीय विद्यालय ज्योतिपुरम में भारत माता की जय और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करने वाले विद्यार्थियों की कुछ शिक्षकों द्वारा कथित पिटाई के मामले में उन विद्यार्थियों ने बुधवार को कक्षाओं का बहिष्कार कर विद्यालय के मुख्य गेट के बाहर धरना जमा दिया। इसी बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ सदस्य वहां पहुंच गए। उन्होंने वहां भारत माता की जय और मामले की सही जांच व कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलवामा हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए। ऐसे में विद्यालय के विद्यार्थियों में रोष स्वाभाविक है। जिस पर विद्यालय के 11वीं कक्षा के कुछ विद्यार्थियों ने भारत माता की जय और पाकिस्तान के विरुद्ध नारे लगाए तो विद्यालय के चार शिक्षकों ने उन्हें दंडित किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन, स्कूल व सलाल पावर स्टेशन प्रशासन से मांग के बावजूद मामले में उचित कार्रवाई करने के बजाय मात्र एक शिक्षक को सस्पेंड कर कार्रवाई की खानापूर्ति कर दी गई, जिससे वह संतुष्ट नहीं है। कुछ ही देर बाद एसएसपी निशा नथियाल, एएसपी सुखदेव ¨सह चौहान, एसडीपीओ निखिल गोगना, एसएचओ अश्विनी शर्मा तथा पुलिस व सुरक्षा बल के कई जवान भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। प्रदर्शनकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हुए। उनका एक ही कहना था कि वह सलाल पावर स्टेशन के वरिष्ठ महाप्रबंधक से ही बात करना चाहते हैं। इसके बाद वरिष्ठ महाप्रबंधक हिमांशु शेखर भी वहां आ गए और फिर विद्यालय के भीतर उनकी आपस में बातचीत शुरू हो गई। विद्यार्थियों ने उनसे कहा कि गठित जांच कमेटी तथा अभी तक हुई जांच व कार्रवाई से वह संतुष्ट नहीं है। सच्चाई सामने लाने के लिए विद्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जाए। विद्यार्थियों की मांग पर वरिष्ठ महाप्रबंधक ने जांच कमेटी का मुखिया स्कूल के ¨प्रसिपल को बना कर खुद भी मॉनिट¨रग का आश्वासन दिया। जिस पर आश्वस्त होकर परिषद के सदस्य वहां से लौट गए। विद्यालय में प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच हुई सारी बातचीत से प्रेस मीडिया कर्मियों को दूर रखा गया। कवरेज के लिए वहां मौजूद प्रेस मीडिया कर्मियों को विद्यालय के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई।