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अगले साल जिले के हर किसान के पास होगा सायल हेल्थ कार्ड

गुलदेव राज, ऊधमपुर : अगले साल ऊधमपुर जिले के हर किसान के पास सायल हेल्थ कार्ड होगा। इस

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 02:57 AM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 02:57 AM (IST)
अगले साल जिले के हर किसान के पास होगा सायल हेल्थ कार्ड
अगले साल जिले के हर किसान के पास होगा सायल हेल्थ कार्ड

गुलदेव राज, ऊधमपुर :

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अगले साल ऊधमपुर जिले के हर किसान के पास सायल हेल्थ कार्ड होगा। इस लक्ष्य को पाने के लिए कृषि विभाग ने अपनी प्रक्रिया तेज कर दी है। अब तक 10,744 सायल हेल्थ कार्ड बनाने का काम पूरा हो गया है और इसमें से 7607 सायल हेल्थ कार्ड किसानों के हवाले भी कर दिए गए हैं। कार्ड पाने वालों में ऊधमपुर ब्लॉक के किसान सबसे आगे हैं। यहां पहले साल के लक्ष्य को 70 फीसद प्राप्त करते हुए सबसे ज्यादा 4273 किसान परिवारों को कार्ड दिए गए हैं। इसके अलावा नरसो ब्लॉक के 442, पंचैरी ब्लॉक में 357, जुगानू में 980 किसान परिवारों को इस कार्ड से जोड़ा जा चुका है।

सायल हेल्थ असिस्टेंट हिम्मत कुमार ने बताया कि जिले में अगले वित्त वर्ष के अंत तक हर किसान के पास अपनी जमीन का सायल हेल्थ कार्ड होगा। इससे किसानों को पता रहेगा कि उसकी जमीन में किस तत्व की कितनी कमी है और कौन कौन सी दवा की खुराक डालकर इस कमी को दूर किया जा सकता है। यह कार्ड किसानों की जमीन का विवरण भी दिखाएगा। उन्होंने बताया कि भूमि की जांच के लिए सर्वेक्षण करने में कुछ तकनीकी दिक्कतें विभाग को आ रही हैं मगर इन दिक्कतों को दूर किया जा रहा है।

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कैसे होती है भूमि की जांच

विभाग की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचती है और मिट्टी के नमूने उठाती है। इससे उस क्षेत्र की मिट्टी का सारा ब्यौरा एकत्र किया जाता है। जमीन में कौन से पोषक तत्व कितने हैं, का पता यंत्रों से हुई जांच से चल जाता है। इस आधार पर उस क्षेत्र के किसानों को सायल हेल्थ कार्ड दिया जाता है। इसमें किसान की जमीन का विवरण तो रहता ही है, वहीं जमीन में तत्वों का जिक्र रहता है। साथ ही किसानों को सलाह भी जारी की जाती है कि इस हालत में वे अपने खेतों में यूरिया, डाया या पोटाश कितनी कितनी डालें। यह कार्ड ऐसे ही है जैसे कि एक मरीज को डॉक्टर लिखित में दवाओं की पर्ची देता है। अब किसानों को मनमर्जी से नहीं अपितु कृषि डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही खाद खेतों में डालनी होगी।

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भूमि का सारा रिकार्ड ऑनलाइन

मुख्य कृषि अधिकारी गंडोत्रा ने बताया कि जमीन की जांच का सारा रिकार्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। यानि एक किसान को अगर अपनी जमीन का डाटा जांचना हो तो वह ऑनलाइन रिकार्ड जांच सकता है। क्योंकि जमीन की जांच के बाद डाटा इंटरनेट पर अपलोड कर दिया जाता है। कार्ड बनने का बड़ा लाभ यह है कि किसानों को उसकी जमीन की हालत पता होगा और वह अब अंधाधुंध यूरिया खाद खेतों में नहीं डालेगा, अपितु उतनी ही डालेगा जितनी की मिट्टी को जरूरत होगी।

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किसानों में आएगी जागरूकता

सरपंच विकास शर्मा ने कहा कि जमीन हमारी मां है। इसकी सेहत बनी रहेगी तो ही इंसान की सेहत भी बनी रहेगी। मगर किसान आज तक मनमर्जी से यूरिया खाद डालता रहा। इससे जमीन की सेहत बिगड़ती है। इसलिए सायल हेल्थ कार्ड से किसानों में जागरूकता आएगी।

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किस ब्लॉक में कितने कार्ड हुए जारी

ऊधमपुर 4263

जगानू 980

पंचैरी 357

चनैनी 122

मोंगरी 281

नरसों 442,

मजालता 267

खून 191

चनूनता 66

कलवंता 103

बसंतगढ़ 118

रामनगर 118

गोरड़ी 48


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