हादसा जितना भयावह था, मलबे में दबे शवों की हालत और वीभत्स थी
अमित माही ऊधमपुर रामबन जिले के खूनी नाला में एडिट टनल निर्माण के दौरान हुआ हादसा भ
अमित माही, ऊधमपुर :
रामबन जिले के खूनी नाला में एडिट टनल निर्माण के दौरान हुआ हादसा भी खूनी ही साबित हुआ। मलबे में दफन हुई सभी 10 जिंदगियों की डोर को इस हादसे ने तोड़कर उनको सदा की नींद सुला दिया। हादसा जितना भयावह था, मलबे से बरामद हुए शवों की हालत उससे भी अधिक वीभत्स करने वाली थी। वीरवार रात से लापता लोगों की खोज खबर में घटना स्थल पर मौजूद उनके स्वजन व साथियों ने दबे लोगों की जिंदगी की जो उम्मीद लगाई वह टूटने से वे गमगीन तो थे, मगर इसके बावजूद मलबे से शव बरामद होने से उनको राहत भी मिली।
वीरवार रात को खूनी नाला में भूस्खलन होने से नीचे बन रही एडिट टनल में काम कर रहे 13 में से दस लोग जिंदा दफन हो गए, जबकि तीन लोगों को बचा लिया गया। हादसे के बाद से लापता लोगों की तलाश में खोज अभियान चलाया जा रहा था, मगर शुक्रवार सुबह तक कोई सफलता नहीं मिली। मलबे में दफन लोगों के जीवित होने की आस की बेहद महीन डोर उस समय टूट गई जब मलबे से एक मजदूर सुधीर राय का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ। इसके बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, सिविल क्यूआऱटी, पुलिस और सेना लगातार खोज अभियान चलाती रही। लापता लोगों का पता चल पाने से पहले ही और मलबा गिर गया, जिससे मलबे में दबे लोगों की जिंदगी की आस लगाए बैठे सभी लोगों की उम्मीद भी टूट गई। फिर भी सभी दबे लोगों को सकुशल रखने की प्रार्थना ईश्वर से करते रहे, मगर किसी की प्रार्थना कबूल नहीं हुई और एक के बाद एक मलबे से शव बरामद होने लगे।
बेरहम मलबे ने सभी दस लोगों की जिदगियों को छीन लिया। मलबे से शव निकलने के साथ ही वीरवार रात से अपनों के मिलने की आस में बैठे लोगों को निराशा ही हाथ लगी। मलबे में दबने से सबकी मौत कितनी दर्दनाक तरीके से हुई होगी, यह मृतकों के शवों की स्थिति को देखकर ही अंदाजा लग रहा था। यह दृश्य इतना वीभत्स था कि देखने से पत्थर दिल लोगो का भी कलेजा कांप रहा था। मलबे में शव भी मलबा बनकर ही पड़े थे।
वहीं, सभी दस शव बरामद होने के साथ वीरवार रात को हादसे के बाद से लगातार बचाव कार्य में जुटे बचाव कर्मियों के साथ पुलिस, प्रशासन, सुरक्षाबलों ने राहत की सांस ली है।