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धार रोड के बीच बने पीवीसी पोल डिवाइडर होने लगे क्षतिग्रस्त

जागरण संवाददाता ऊधमपुर करीब 10 दिन पहले धार रोड को दो हिस्सों में बांटने के लिए लगा

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 06:42 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 06:42 AM (IST)
धार रोड के बीच बने पीवीसी पोल डिवाइडर होने लगे क्षतिग्रस्त
धार रोड के बीच बने पीवीसी पोल डिवाइडर होने लगे क्षतिग्रस्त

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : करीब 10 दिन पहले धार रोड को दो हिस्सों में बांटने के लिए लगाए गए पीवीसी पोल टूटने भी शुरू हो गए हैं। पोल वाहनों की टक्कर या पहियों के चढ़ने की वजह से टूटे। वहीं, ग्रेफ ने कहा कि पोल ट्रायल के लिए लगाए हैं। इससे कितना फायदा होता है और कितनी देर टिके रह सकते हैं, यह जांचने के लिए अस्थायी तौर पर लगाए गए हैं। इन पोलों की स्थिति का जायजा लेकर व जिला प्रशासन से बात कर इनको फिर से लगाया जाएगा।

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गौरतलब है कि धार रोड को जाममुक्त बनाने के लिए प्रशासन कई कदम उठा रहा है, जिसमें सलाथिया चौक मेटाडोर स्टैंड को शिफ्ट कर वहां स्टाप बनाना, इसके साथ सलाथिया चौक और वीनस चौक पर जाम को कम करने के लिए धार रोड को दो हिस्सों में बांटना शामिल है। प्रशासन ने ग्रेफ की मदद से धार रोड पर सलाथिया चौक और वीनस चौक पर पीवीसी पोल से कुछ मीटर तक डिवाइडर बनवाए। इन डिवाइडरों का फायदा भी दिख रहा है। वाहन एक दूसरे की लेन में नहीं जाते, जिससे जाम की समस्या कम हो रही है। मगर पीवीसी पोल लगाकर उसे पक्का करने के लिए किनारे सीमेंट लगाया गया। मगर अभी इन पोलों को लगे दो सप्ताह भी नहीं बीते हैं और वाहनों के पहिये चढ़ने से पीवीसी पोल के किनारे लगा सीमेंट टूटने से पोल उखड़ने लगे हैं। पोल जहां से शुरू होते हैं, दोनों तरफ से वहीं से सीमेंट टूटने से ज्यादा उखड़ रहे हैं। लोगों ने कहा कि ग्रेफ द्वारा को पोल को स्थायी तौर पर लगाने के लिए उनको बोल्ट से फिक्स करना चाहिए, जिससे सीमेंट टूटने के बाद भी वह पोल अपनी जगह पर टिका रहे।

इस बारे में 52 आरसीसी बीकन के ओसी मुकुल विशिष्ट ने कहा कि पीवीसी पोल से बनाए गए डिवाइडर का सीमेंट वाहनों के टायरों के लगने से टूट रहा है। वैसे भी यह ट्रायल के लिए पुराने पीवीसी पोल से डिवाइडर बनाया गया है, जिससे इसके फायदे और कमियों का पता चल सके। नए पोल और उनको फिक्स करने के लिए लोहे के स्टड्स की मांग भेजी गई है। नए पोल आने पर उनको स्टड्स से फिक्स किया जाएगा और जरूरत हुई तो सीमेंट से अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी। टूटे पोलों को रिफिक्स करना है या नहीं, इस बारे में जिला प्रशासन से बात की जाएगी। प्रशासन कहेगा तो इनको रिफिक्स कर दिया जाएगा।


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