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आधे से ज्यादा जखैनी तालाब को निगल गया फोरलेन

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : एक जमाने में लोगों की पानी की जरुरत को पूरा करने वाले जखैनी त

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 09:05 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 09:05 PM (IST)
आधे से ज्यादा जखैनी तालाब को निगल गया फोरलेन
आधे से ज्यादा जखैनी तालाब को निगल गया फोरलेन

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : एक जमाने में लोगों की पानी की जरुरत को पूरा करने वाले जखैनी तालाब को हाईवे फोरलेन आधे से ज्यादा निगल चुका है। बचे हुए आधे तालाब को लेकर भी प्रशासन गंभीर नहीं है। ध्यान न दिया गया तो डेढ़ सौ वर्ष से पुराने तालाब का अस्तित्व पूरी तरह भी मिट सकता है।

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ऊधमपुर शहर के प्रमुख जखैनी चौक से महज 350 सौ मीटर की दूरी पर स्थित जखैनी तालाब कितना पुराना है, इसके बारे में सटीक जानकारी तो स्थानीय लोगों को नहीं है, लेकिन जखैनी के बुजुगरें के मुताबिक बचपन में अपने बाप- दादा से सुना है कि यह काफी पुराना है। वहीं जखैनी इलाके में रहने वाले एमईएस से सेवानिवृत हुए काका राम, गो¨वद राम व राम प्यारी के मुताबिक जब वह छोटे थे, तो इस तालाब का पानी साफ होता था। जिसका प्रयोग जखैनी में रहने वाले लोग पीने के अलावा रोजमर्रा के कामों के लिए करते थे। उस समय तालाब के चारों तरफ तराशे गए पत्थरों से पक्का रास्ता बना था। कोई भी तालाब में कचरा नहीं डालता था। उस समय में हर घर में नल नहीं होता था। जिस वजह से लोग शादी विवाह जैसे समारोह में भोजन इसी तालाब के पास बनाते थे और इस तालाब का पानी प्रयोग करते थे।

उस समय में लोग खुद ही इस तालाब की देखरेख करते थे, लेकिन समय बीतने के साथ लोगों के साथ संबंधित विभाग और प्रशासन के उपेक्षित रवैये ने इस तालाब को बदहाल कर दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक पहले यह तालाब करीब पांच कनाल क्षेत्र में था। जो समय के साथ अतिक्रमण और मलबा और मिट्टी भरने से सिकुड़ता गया। मगर फिर फोरलेन का काम शुरु होने से पहले इसका आकार काफी बड़ा था। लोग अपने मवेशियों को पानी पिलाने के लिए इसका प्रयोग करते थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक आज तक यह तालाब कभी नहीं सूखा। बुजुर्ग बताते हैं कि इस तालाब के नीचे प्राकृतिक स्त्रोत (कोरज) है, जिस वजह से यह सदा पानी से भरा रहता था। मगर करीब डेढ़ साल पहले फोरलेन बनाने के लिए इस तालाब में मिट्टी डाल दी गई। जिससे तालाब आधा से भी कम रहा है। शेष बचे आधे तालाब की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिस वजह से इसका अस्तित्व खतरे में है। स्थानीय लोगों ने इस तालाब को संरक्षित करने के साथ ही इसके सौंदर्यीकरण की मांग की है।

लोगों ने कहा कि यह महत्वपूर्ण तालाब है। एक तरफ जल संरक्षण के लिए काम हो रहा है, मगर जखैनी तालाब की स्थिति से अवगत कराने के बावजूद आज तक किसी ने सुध नहीं ली। प्रशासन के साथ विभाग को काम करना चाहिए, क्योंकि संरक्षित व सौंदर्यीकरण से सभी को फायदा मिलेगा।

इस बारे में नवनियुक्त डीसी ऊधमपुर रोहित खजूरिया ने कहा कि आज ही उन्होंने कार्यभार संभाला है। इसलिए तालाब की स्थिति से वह अवगत नहीं है। इस बारे में जानकारी प्राप्त कर जो भी बेहतर होगा वह करने का प्रयास करेंगे।


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