पीएचई अस्थायी कर्मचारियों की 72 घंटे और बढ़ी काम छोड़ हड़ताल
अपनी लंबित मांगों लेकर कामछोड़ पर गए पीएचई कर्मचारी नरम रुख के मूड में नहीं है। राज्य प्रशासन की अनदेखी से नाराज कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल 72 घंटे और बढ़ा दी है। राज्य प्रशासन और पीएचई अस्थायी कर्मचारियों के बीच जारी संघर्ष से आम जनता की परेशानी बढ़ सकती है।
संवाद सहयोगी ऊधमपुर : अपनी लंबित मांगों लेकर कामछोड़ पर गए पीएचई कर्मचारी नरम रुख के मूड में नहीं है। राज्य प्रशासन की अनदेखी से नाराज कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल 72 घंटे और बढ़ा दी है। राज्य प्रशासन और पीएचई अस्थायी कर्मचारियों के बीच जारी संघर्ष से आम जनता की परेशानी बढ़ सकती है। पीएचई के अस्थायी कर्मियों की कामछोड़ हड़ताल के कारण शहर में एक दिन बाद पानी की आपूर्ति हो रही है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति पूरी तरह से ठप होकर रह गई। अगर जल्द कोई फैसला नहीं हुआ तो ग्रामीण इलाके लोगों को प्यास बुझाने के लिए पानी की बूंद तक नसीब नहीं होगी। पिछले दस दिनों से बकाया वेतन और स्थायी करने सहित अन्य लंबित मांगो को लेकर पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मचारी काम छोड़ हड़ताल पर हैं। रविवार रात आठ बजे तक उनकी हड़ताल थी। शहरवासियों को उम्मीद थी कि सरकार उनकी जायज मांगों को पूरा कर हड़ताल को समाप्त करवा देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लंबित मांगें पूरी न होने पर पीएचई यूनियन फ्रंट के पदाधिकारियों ने 72 घंटे और हड़ताल बढ़ा दी है।
पीएचई इंप्लाइज एसोसिएशन ऊधमपुर के जिला प्रधान सोमनाथ का कहना था कि यह सरकार की नालायकी है कि पहले तो कर्मचारियों को परेशान करती थी। लेकिन अब लोगों को भी परेशान करने लगी है। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्वक ढंग से चलता रहेगा। जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी हड़ताल को कमजोर करने के लिए विभिन्न विभागों से लोगों को लाकर पीने के पानी की सप्लाई शहर में तो दे रही है। लेकिन गांव के लोगों को प्यास बुझाने के लिए भी पानी नहीं मिल रहा है। सरकार या विभाग कुछ भी कर ले, वह सभी लोगों तक पीने के पानी की सप्लाई सुचारु बनाने में कामयाब नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि शहर में लोगों को दो-तीन दिनो के बाद पानी की सप्लाई दी जा रही है।