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तलवाड़ा में बवाल, दो स्थानीय लोग व कई पुलिसकर्मी घायल

संवाद सहयोगी रियासी जिले के तलवाड़ा में मंगलवार को स्पेशल ट्रेनिग सेंटर तलवाड़ा के रंग

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 06:21 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 06:21 AM (IST)
तलवाड़ा में बवाल, दो स्थानीय लोग व कई पुलिसकर्मी घायल
तलवाड़ा में बवाल, दो स्थानीय लोग व कई पुलिसकर्मी घायल

संवाद सहयोगी, रियासी : जिले के तलवाड़ा में मंगलवार को स्पेशल ट्रेनिग सेंटर तलवाड़ा के रंगरूटों द्वारा कुछ स्थानीय दुकानों व रेहड़ियों पर कथित तोड़फोड़ का विरोध करने पर बवाल हो गया। लोगों के अनुसार रंगरूटों ने इस दौरान पथराव भी किया। इस बवाल के बीच दो स्थानीय लोग जख्मी हो गए, जबकि बीच-बचाव करने आए जम्मू कश्मीर पुलिस के कुछ जवानों को भी पथराव में चोट आई। इसके बाद लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने लगभग डेढ़ घंटे तक सड़क जाम कर तलवाड़ा स्पेशल ट्रेनिग सेंटर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया।

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बताया जाता है कि स्पेशल ट्रेनिग सेंटर की जमीन पहले एनएचपीसी की थी, जिसे उसने सेंटर को दे दिया है। उससे सटी जमीन, जिस पर दुकान व रेहड़िया लगी थीं, उस पर भी स्पेशल ट्रेनिग सेंटर अपना दावा कर रहा है। उसी के चलते उसने कार्रवाई की।

वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि तलवाड़ा चौक में सड़क किनारे एक चिकन शॉप और कुछ रेहड़ियों पर लोग अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। मंगलवार को सुबह अचानक ट्रेनिग सेंटर से रंगरूटों का हुजूम वहां आ गया और उन्होंने आते ही तोड़फोड़ करते हुए चिकन शॉप को मटियामेट कर दिया, जबकि वहां मौजूद एक रेहड़ी को भी सड़क पर धकेल दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि रंगरूटों की मंशा उस जगह पर कब्जा करने की थी, जिस पर वे अपना दावा ठोक रहे हैं। जब लोगों ने उनका विरोध किया तो रंगरूटों की तरफ से भारी पथराव शुरू कर दिया गया, जिसकी चपेट में आने से तलवाड़ा विस्थापित कैंप में रहने वाले दो लोग बलदेव सिंह (28) पुत्र कालूराम और पंजाब सिंह (45) पुत्र बेलीराम को चोट आई। इसकी जानकारी मिलते ही जब स्थानीय पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे तो रंगरूटों के पथराव की चपेट में आने से स्थानीय पुलिस के कुछ जवानों को भी चोट आई। कुछ समय तक चले इस बवाल के बाद रंगरूट वापस ट्रेनिग सेंटर के भीतर चले जाए। उसके बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर रियासी-सियाड़ बाबा मार्ग को अवरुद्ध कर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस मामले की जानकारी मिलने पर तहसीलदार मुंशीराम, एसडीपीओ इफ्तिखार, एसएचओ सुमित शर्मा और नायब तहसीलदार बलदेव राज मौके पर पहुंच गए। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक तलवाड़ा ट्रेनिग सेंटर की तरफ से भी इस भूमि पर किसी निर्माण आदि की इजाजत नहीं दी जाएगी। जिस जगह को लेकर विवाद हुआ है, उसकी भी पूरी पैमाइश की जाएगी। इसके अलावा तथ्यों का पता लगाकर अगले कदम उठाए जाएंगे। इसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ। स्पेशल ट्रेनिग सेंटर प्रशासन पर सेंटर से लगती भूमि पर अवैध कब्जे के प्रयास का आरोप

इस मौके पर स्थानीय निवासी देवराज खजूरिया ने आरोप लगाया कि स्पेशल ट्रेनिग सेंटर प्रशासन की तरफ से सेंटर से लगती भूमि पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। उसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को भी उस भूमि पर कब्जा करने के लिए वहां की दुकान और रेहड़ियों पर तोड़फोड़ की, जो ट्रेनिग सेंटर के अधीन नहीं है। जब लोगों ने इसका विरोध किया तो रंगरूटों के हुजूम ने लोगों पर पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि भूमि को लेकर अगर कोई मसला हो भी तो उसके लिए बातचीत की जा सकती है। लेकिन सरकार से संबंधित होने के बावजूद रंगरूटों द्वारा तोड़फोड़ और पथराव कर कानून अपने हाथ में लिया गया। उन्होंने कहा कि ट्रेनिग सेंटर की पूरी भूमि की पैमाइश होनी चाहिए। ट्रेनिग सेंटर की अपनी भूमि को छोड़कर अगर ज्यादा भूमि पाई जाती है तो उसे मुक्त कराना चाहिए।

तलवाड़ा निवासी शकील ने बताया कि इस बवाल में रंगरूटों ने उनकी चिकन शॉप के टीन के शेड को पूरी तरह से मटियामेट कर दिया। यहां वह पिछले लगभग चार साल से रोजी-रोटी कमा रहा था। उसी के साथ रेहड़ी लगाने वाली मनोज सिंह ने बताया कि रंगरूटों ने उसकी रेहड़ी को भी उसकी जगह से उखाड़ कर सड़क पर धकेल दिया। विवादित जमीन नेशनल हाईड्रो प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन (एनएचपीसी) की है, जिस पर एनएचपीसी ने टिनशेड डाल रखा था। उसी में तलवाड़ा विस्थापितों ने फ्रिज सहित अन्य सामान रखा था। वहीं सड़क किनारे रेहड़ियां भी लगाते थे। स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर उस जमीन पर अपना दावा कर रहा है। स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर को अचानक इस तरह की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी, क्योंकि विस्थापित कानून के जानकार नहीं हैं। विवादित जमीन को लेकर एनएचपीसी के अधिकारियों को भी बुलाया गया है। उसके बाद पैमाइश की जाएगी। जमीन जिसकी होगी, उसको दे दी जाएगी।

- मुंशीराम, तहसीलदार रियासी


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