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मंजूरी के बिना रात में डाले गए लेंटर को नगर परिषद ने गिराया

जागरण संवाददाता ऊधमपुर अवैध रूप से किए जा रहे निर्माण के खिलाफ नगर परिषद ने मंगलवार क

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 02:09 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:15 AM (IST)
मंजूरी के बिना रात में डाले गए लेंटर को नगर परिषद ने गिराया
मंजूरी के बिना रात में डाले गए लेंटर को नगर परिषद ने गिराया

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : अवैध रूप से किए जा रहे निर्माण के खिलाफ नगर परिषद ने मंगलवार को शहर के कल्लर इलाके में होलसेल सब्जी मंडी के सामने बिना मंजूरी मिले इमारत पर डाले गए लेंटर को गिरा दिया। इमारत के मालिकों ने नगर परिषद की कार्रवाई पर रोष जताया है।

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मंगलवार को दिन में 11 बजे नगर परिषद की टीम जेसीबी मशीन के साथ कल्लर स्थित होलसेल सब्जी मंडी के पास बन रही इमारत के पास पहुंची। इस इमारत का लेंटर सोमवार रात को डाला गया था। नप की लेंटर गिराने पहुंची टीम के साथ ड्यूटी मजिस्ट्रेट के अलावा डीएसपी मुख्यालय रोहित चड़गाल, एसएचओ विजय चौधरी, सीईओ नगर परिषद संतोष कोतवाल, खिलाफवर्जी इंस्पेक्टर नरजीव सिंह जम्वाल व अन्य कर्मचारी एवं सुरक्षा बल के जवान मौजूद थे।

11 बजे पहुंची नप की टीम ने दोपहर एक बजे के करीब इमारत का लेंटर गिराने के लिए कार्रवाई शुरू की। रास्ते में रेत-बजरी, पत्थर और मिट्टी के भारी मलबे के कारण मशीन को इमारत तक पहुंचाने मे तकरीबन आधे घंटे का समय लग गया। इसके बाद मशीन ने डाले गए लेंटर को गिराने का काम शुरू किया। लेंटर का काफी हिस्सा गिराने से लगभग सारा लेंटर हिल गया। जिसके बाद नप की टीम वहां से लौट आई। नगर परिषद के खिलाफवर्जी इंस्पेक्टर नरजीव जम्वाल के मुताबिक यह इमारत नानक चंद नाम के व्यक्ति की थी। वहीं, सीईओ ऊधमपुर संतोष कोतवाल ने बताया कि इस इमारत के निर्माण के लिए एनओसी के लिए आवेदन किया गया था। पांच विभागों से एनओसी लेनी होती है। सभी से एनओसी मिलने के बाद नगर परिषद मंजूरी देती है, मगर टाउन प्लानर ने आपत्ति लगाई थी, जिसके चलते एनोसी नहीं दी गई थी। उन्होंने बताया कि सोमवार रात को 11 बजे तक वह इसी जगह पर थे। उन्होंने इमारत के मालिक को बिना मंजूरी के काम न करने की हिदायत भी दी थी, मगर इसके बावजूद मकान मालिक ने रात 12 बजे के बाद चोरी से लेंटर डाल दिया। इसका जिला प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लिया। हालांकि जब टीम मौके पर पहुंची तो इमारत के मालिक ने डीसी से बात करने के लिए दो घंटों की मोहलत मांगी। नप ने दी गई मोहलत के बाद अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया।

वहीं, इमारत बनाने वालों के परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने 21 नवंबर को एनओसी के लिए आवेदन किया था। मगर इसके बावजूद उनको जानबूझ कर एनओसी नहीं दी जा रही थी। उन्होंने नप की कार्रवाई पर रोष व्यक्त किया है।


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