अपने उद्देश्य को भूल मोह माया में उलझा इंसान
संवाद सहयोगी पौनी कस्बे में जारी सातवें अति महाविष्णु महायज्ञ में पहुंचने वाले भक्तों को आचा
संवाद सहयोगी, पौनी : कस्बे में जारी सातवें अति महाविष्णु महायज्ञ में पहुंचने वाले भक्तों को आचार्य मृदुल बिहारी शास्त्री अपने मधुर प्रवचनों से विभोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन का उद्देश्य ईश्वर प्राप्ति है, लेकिन अपने उद्देश्य को भूल इंसान मोह माया के इस संसार को सत्य मानकर बैठा हुआ है। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी राम चरित्र मानस में कहते हैं कि जब मनुष्य को ईश्वर की प्राप्ति के लिए कहा जाए तो कभी काल, कभी धर्म व ईश्वर को दोष दिया जाता है कि प्रभु ने उसकी किस्मत में लिखा ही नहीं है। लेकिन प्रयास के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इंसान अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने में इतना व्यस्त है कि जीवन के उद्देश्य को भूल गया है। जो पास है उसे भूलकर दूसरी चीजों के आकर्षण में पड़ा हुआ है। जैसे इंसान अपनी रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली चीजों पर कभी इतना ध्यान नहीं देता, परंतु जब रोजमर्रा चीजों पर अपना ध्यान देता है तो फिर उसका महत्व समझ में नहीं आता है। उसी तरह आज भगवान की भक्ति और उनपर ध्यान केंद्रित न कर मोह माया में पड़ा इंसान वक्त निकल जाने पर ईश्वर को याद करता है। लेकिन तब तक काफी समय बीत चुका होता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को पूजा करना भी अनिवार्य है। 34वां यज्ञ देश के शहीदों को समर्पित
शतकुंडीय अति महाविष्णु महायज्ञ में काफी संख्या में श्रद्धालु यज्ञशाला में महाराज के दर्शन व परिक्रमा करने के लिए पहुंच रहे हैं। संत बालक योगेश्वर दास महाराज द्वारा पौनी में आयोजित सातवें व देश में कराए जा रहा 34वें अतिविष्णु महायज्ञ को देश की सुरक्षा में शहीद हुए वीर जवानों के नाम समर्पित किया है। महाराज ने रविवार को सैन्य जवानों के साथ आहुति देते हुए अन्य भक्तों को इसकी जानकारी दी। महाराज ने भक्तों को बताया कि हमारे देश में जितने जाबांज जबान शहीद हुए हैं, उनकी याद में महाराज हर यज्ञ में आहुति डालते हैं। देश में आयोजित 34वां अति महाविष्णु यज्ञ देश के लिए शहीद हुए वीर जवानों को सर्मिपत करने पर भक्तों में काफी उत्साह था। रविवार को छुटटी होने पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर यज्ञस्थल की परिक्रमा करने के बाद प्रसाद ग्रहण किया।