Panchari Hills : बाहें फैलाए इंतजार कर रहा पंचैरी, 400 रुपये में ठहरने को कमरा, 100 रुपये में खाना
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पर्यटक गांव पंचैरी का उद्घाटन 11 को किया जाएगा। ग्रामीण ही पर्यटकों की मेजबानी करेंगे। पारंपरिक खान-पान डोगरा संस्कृति को करीब से देखने का अवसर भी मिलेगा। इसके अलावा पर्यटकों के मनोरंजन के लिए गीत-संगीत की भी व्यवस्था की जा रही है।
ऊधमपुर, रोहित जंडियाल : हरे-भरे मैदान और पहलगाम सी सुंदर वादियों के लिए विख्यात ऊधमपुर का पंचैरी गांव पर्यटकों के स्वागत के लिए बाहें फैलाए इंतजार कर रहा है। ग्रामीण ही पर्यटकों की मेजबानी करेंगे और वही उनके गाइड भी होंगे। पहले चरण में होम स्टे की नीति के तहत 30 घरों में कक्ष तैयार कर लिए गए हैं। इसके अलावा पर्यटकों के मनोरंजन के लिए गीत-संगीत और अन्य खेलों की भी व्यवस्था की जा रही है।
प्राकृतिक सौंदर्य से लबालब यह क्षेत्र दशकों तक प्रशासनिक उपेक्षा के कारण पर्यटन के केंद्र के तौर पर विकसित नहीं हो पाया। अब प्रशासनिक मदद के हाथ बढ़े तो पूरा क्षेत्र मेहमानों के स्वागत के लिए खड़ा हो गया। 11 अक्टूबर को पर्यटक गांव का रंगारंग उद्घाटन किया जाएगा। पर्यटकों के स्वागत के लिए कुड, भाख, डोगरी संगीत के कलाकारों को तैयार किया गया है। पर्यटक घोड़े की सवारी का भी आनंद ले सकेंगे।
पंचैरी के सफर के दौरान सड़क मार्ग से ऊधमपुर से आगे बढ़ते हैं तो खूबसूरत वादियां और सड़क के दोनों ओर सीना ताने खड़े देवदार के पेड़ लुभाते हैं। इस क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य को देखते हुए पर्यटक गांव के तौर पर विकसित करने का निर्णय किया है। इसके तहत पर्यटकों को स्थानीय लोगों के घरों में ठहराया जाएगा। आधारभूत ढांचे के विकास में वर्षों लग सकते हैं, ऐसे में गांवों में लोगों के घरों में कमरों को पर्यटकों के लिए विशेष तौर पर तैयार किया गया है।
400 रुपये में कमरा और 100 रुपये में घर के खाने की सुविधा
पर्यटकों को होम स्टे के साथ खाने और नाश्ते के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा। एक कमरे के लिए मात्र चार सौ रुपये ही चुकाने होंगे। इसके अलावा उन्हें 100 रुपये डोगरा थाली भी परोसी जाएगी। इसमें स्थानीय सब्जियों के अलावा मक्का की रोटी, साग, अंबल, दाल शामिल होंगे।
पालीथिन और नशे पर रहेगा प्रतिबंध
पंचैरी में शांकरी देवता का मंदिर और देवदारी जंगल आकर्षण के प्रमुख केंद्र हैं। कुछ टूरिस्ट हट भी बनाए गए हैं। यहां का लोक संगीत विख्यात हैं। पर्यावरण के तौर पर संवेदनशील इस क्षेत्र में पालीथिन के इस्तेमाल पर रोक रहेगी और नशे की इजाजत भी नहीं दी जाएगी। स्थानीय लोगों द्वारा एक चेकपोस्ट बनाई जा रही है।
पर्यटकों के लिए बना स्वागत केंद्र
मेहमानों के लिए पंचैरी से पहले ही कैंथगली में पर्यटक स्वागत केंद्र बनाया है। यहां पंचैरी की पूरी डायरेक्टरी मिलेगी। होम स्टे के लिए ठहरने की व्यवस्था समेत तमाम जानकारियां इसमें उपलब्ध रहेंगी।
सड़क मार्ग से पहुंच सहते हैं पंचैरी
जम्मू से आगे ऊधमपुर के रास्ते सड़क मार्ग से आसानी से पंचैरी पहुंचा जा सकता है। यह जम्मू से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा ऊधमपुर से पंचैरी के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवा भी उपलब्ध है।
मौसम भी लुभाएगा : पंचैरी का मौमस भी पर्यटकों को लुभाएगा। गर्मियों में यहां का तापमान 30 डिग्री के आसपास रहता है और सर्दियों में यह बर्फ से ढक जाता है। ऐसे में बर्फ के शौकीनों के लिए यह क्षेत्र सर्दियों में भी आकर्षक का केंद्र रहने वाला है।
पंचैरी पूरी तरह से मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार है। अभी तक लोगों के ठहरने के लिए 30 घरों में कमरे तैयार किए हैं। पुलिस ने भी इन घरों की पूरी जांच की है। सरकार के इस प्रयास से न सिर्फ क्षेत्र में पर्यटन बढऩे से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि पारंपरिक लोक गीत-संगीत को भी जिंदा रखने में मदद मिलेगी।
-जसवीर सिंह, सदस्य, जिला विकास परिषद