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सोशल मीडिया से गुरु वंदना, शिष्यों को मिला वर्चुअल आर्शीवाद

कोरोना महामारी के कारण गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर इस बार गुरु चरणों में शिष्यों और श्रद्धालुओं का हुजूम तो नहीं उमड़ा लेकिन संस्कारों का संवहन पूरी निष्ठा से की गई। गुरुओं से आशीर्वाद लिया गया। कई लोगों ने सोशल साइट के माध्यम से गुरुओं के दर्शन किए और उनकी वंदना की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 06:12 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:12 AM (IST)
सोशल मीडिया से गुरु वंदना, शिष्यों को मिला वर्चुअल आर्शीवाद
सोशल मीडिया से गुरु वंदना, शिष्यों को मिला वर्चुअल आर्शीवाद

संवाद सहयोगी, कटड़ा/नौशहरा : कोरोना महामारी के कारण गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर इस बार गुरु चरणों में शिष्यों और श्रद्धालुओं का हुजूम तो नहीं उमड़ा, लेकिन संस्कारों का संवहन पूरी निष्ठा से की गई। गुरुओं से आशीर्वाद लिया गया। कई लोगों ने सोशल साइट के माध्यम से गुरुओं के दर्शन किए और उनकी वंदना की।

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कटड़ा में लोगों ने अपने-अपने घरों में रहकर ही गुरुओं की वंदना की। डिजिटल क्रांति के सहारे गुरु-दर्शन किया गया। फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि एप्स का इस्तेमाल किया गया। गुरुओं ने भी शिष्यों का इसी माध्यम से मार्गदर्शन किया। इससे पहले कटड़ा में नगर वासियों ने कटड़ा के सभी प्रमुख मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की। मां वैष्णो देवी भवन पर गुरु पूर्णिमा पर मुख्य पुजारी के साथ ही अन्य पुजारियों ने मां वैष्णो देवी की विशेष पूजा अर्चना की और विश्व शांति की प्रार्थना की। इसके अलावा रघुनाथ मंदिर में जाकर राजगुरु स्वामी नित्यानंद की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। करने के साथ ही पूजा अर्चना की। वहीं कटड़ा के योग आश्रम में स्वामी ब्रह्मचारी हरि भक्त की समाधि पर जाकर नगर वासियों ने अपने गुरु को पुष्पांजलि अर्पित किया। हालांकि पारंपरिक तौर पर हर वर्ष गुरु पूर्णिमा पर गुरुदेव स्थानों पर भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती थी, परंतु कोरोना महामारी के चलते नगर वासियों ने अपने-अपने घरों के भीतर रहकर अपने अपने गुरुओं को नमन किया और श्रद्धा से गुरु पूर्णिमा मनाई।

नौशहरा के विभिन्न धार्मिक स्थानों में गुरुपूजा का आयोजन किया गया। लोगों ने अपने गुरुओं की परिवार समेत पूजा की और उनसे आशीर्वाद लिया। ठाकुरद्वारा नौशहरा में कार्यक्रम रखा गया, जहां पूरे बाजार के लोगों ने संत श्री संतोष मोनी जी महाराज की पूजा की। अपने संबोधन में मोनी जी महाराज ने कहा कि कोरोना के चलते इस बार बड़ा कार्यक्रम नहीं हुआ। उन्होंने सभी को गुरु-शिष्य परंपरा के बारे में बताया।

इसके अलावा दशनामी अखाड़ा लंबेड़ी में भी सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने अपनी हाजरी लगाई। सचखंड में माथा टेका। कोरोना के चलते आज स्वामी मुकुंद चैतन्य जी महाराज अपने कक्ष में ही रहे। वहीं से शिष्यों को अपने दर्शन दिए।

--------------- सभी पर्वों को घरों में रहकर ही मनाए : स्वामी जी

संवाद सहयोगी, सुंदरबानी : श्री श्री 1008 स्वामी श्री विश्वामनंद सरस्वती जी महाराज की ज्ञान गंगा आश्रम में गुरु पूर्णिमा उत्सव फीका रहा। चंद शिष्य ही आशीर्वाद लेने के लिए ज्ञान गंगा आश्रम में पहुंचे, जिन्होंने शरीर दूरी बनाए रखा। स्वामी जी ने अपने शिष्यों से कहा कि सभी प्रशासनिक आदेशों का भी पालन करें। गुरु पर्व के अलावा अन्य समारोह भी संक्षिप्त करें। घरों में ही गुरु पूजा कर पूजा-पाठ करें। वहीं श्री श्री 1008 सतगुरु हो काशी दास गुरु गद्दी पर श्रद्धालुओं की संख्या ना के बराबर रही। श्री श्री 1008 सतगुरु बाबा बीरम शाह जी महाराज गुरू गद्दी पर भी वीरानी ही रही।


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