Jammu: ओलावृष्टि की भेंट चढ़ी किसानों की पूरे साल की मेहनत
किसानों की गेहूं की फसल अभी पूरी तरह से तैयार भी नहीं हुई थी कि ओलावृष्टि के कारण फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। खेतों में कुछ दिनों में पकने वाली गेहूं की फसल में अब मात्र सिट्टा ही बचा है।
संवाद सहयोगी, पौनी : क्षेत्र में मंगलवार देर शाम बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतों में सब्जियां, गेहूं की फसल, फलदार पौधों आदि का भारी नुकसान से किसान मायूस हो गए हैं। किसान अपनी फसलों को देखकर सालभर की मेहनत बेकार होने पर अपने आंसू रोक नहीं पा रहे हैं। पौनी क्षेत्र में बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
कृषि विभाग के एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आफिसर (एईओ) नरेंद्र किशोर शर्मा के अनुसार, नुकसान का जायजा लेने के लिए उनके कर्मचारी क्षेत्र में रवाना हो चुके हैं। ओलावृष्टि इतनी अधिक हुई कि लोगों के घरों, खेतों व सड़कें ओलावृष्टि से भर गई थीं। ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान पंचायत कुंड खनेयाड़ी, लेतर, रियाला, काना, पौनी, खैरालेड़, भारख, सुदीनी कोठियां, डडौआ, संगड, कोटला, त्योट, अलेआ, भांवला, धनुआ सलून, भांवला, माडी नाला आदि में हुआ है।
गेहूं की फसल का सिट्टा तो बचा पर दाने नहीं : किसानों की गेहूं की फसल अभी पूरी तरह से तैयार भी नहीं हुई थी कि ओलावृष्टि के कारण फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। खेतों में कुछ दिनों में पकने वाली गेहूं की फसल में अब मात्र सिट्टा ही बचा है। दाने तो ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो चुके हैं। इसके अलावा कई फलदार पौधों में खासकर आडू और लुकाठ की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। इतना ही नहीं, आम, किन्नू, संतरा, लीची के पेड़ों पर लगे बूर भी गिर चुके हैं। किसानों के मुताबिक क्षेत्र में फलदार पौधों का शत प्रतिशत और गेहूं आदि की फसलें 70 फीसद बर्बाद हो चुकी हैं।
चीफ एग्रीकल्चर ऑफिसर रियासी र¨वद्र थपलू के अनुसार, रियासी जिले में जिन किसानों की ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हुई हैं, उनके नुकसान का जायजा लेने के लिए कृषि विभाग के कर्मचारी प्रत्येक गांव में सर्वे के लिए रवाना हो चुके हैं। किसान परेशान ना हो, सरकार की तरफ से हर संभव मदद की जाएगी। जिन किसानों ने फसल बीमा करवाया हुआ है उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।