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क्षमता से अधिक लोड झेल रहा पौनी ग्रिड स्टेशन

जुगल मंगोत्रा पौनी कभी बिजली लाइनों में फाल्ट तो कभी ग्रिड स्टेशनों पर अधिक लोड की बातें

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 06:41 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 06:41 AM (IST)
क्षमता से अधिक लोड झेल रहा पौनी ग्रिड स्टेशन
क्षमता से अधिक लोड झेल रहा पौनी ग्रिड स्टेशन

जुगल मंगोत्रा, पौनी :

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कभी बिजली लाइनों में फाल्ट तो कभी ग्रिड स्टेशनों पर अधिक लोड की बातें सुन-सुनकर पौनी के लोग तंग आ चुके हैं। पिछले चार वर्ष से बिजली के मेंटेनेंस विभाग की लापरवाही का खामियाजा पौनी के लोग भुगत रहे हैं। बिजली का मेंटेनेंस विभाग लोगों को एक बराबर बिजली मुहैया कराने में असमर्थ है। पौनी के पुरेआ में स्थित 33 केवी रिसीविग ग्रिड स्टेशन पर कभी लोड डाला जाता है तो कभी उससे लोड हटाया जाता है। ऐसा करने से लोगों को लो वोल्टेज के साथ-साथ बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है।

चार साल पहले जब डडौआ में 33 केवी रिसीविग ग्रिड स्टेशन नहीं था, तब बिजली विभाग ने लोगों की बिना सहमति के डडौआ और लेतर क्षेत्र को पुरेआ ग्रिड स्टेशन से जोड़ दिया था। इससे पौनी के लोगों को लो वोल्टेज के साथ-साथ अधिक बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। डडौआ में नया ग्रिड स्टेशन बनने के बाद बिजली विभाग ने पौनी ग्रिड स्टेशन से भारख फीडर को हटाकर डडौआ के साथ जोड़ दिया। पौनी के लोगों की समस्या थोड़ी बहुत हल हो गई, लेकिन चार महीने के बाद बिजली विभाग की तरफ से भारख फीडर को डडौआ से काटकर फिर से पौनी के साथ जोड़ दिया गया है। यानी की बिजली विभाग पौनी के लोगों की समस्या को हल करने के बजाय और अधिक बढ़ा रहा है। अब पिछले दस दिनों से बिजली की भारी कटौती के साथ-साथ लो वोल्टेज की समस्या बढ़ गई है। इससे पौनी के लोग तो परेशान हैं ही, भारख के लोग भी परेशान हो रहे हैं।

इस बारे में जब बिजली विभाग के एक्सईएन रियासी सुनील दत्त पंडोह से बात की गई तो वह लोगों की समस्या को लेकर बेहतर विकल्प ढूंढने के बजाय इधर-उधर की बात करने लगे। जब उनसे पूछा गया कि लोग बिजली की समस्या से क्यों जूझ रहे हैं तो फिर उनके पास कोई जवाब नहीं था। फिलहाल अंत में उन्होंने बिजली की लो वोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए जल्द ठोस कदम उठाने की बात कही है। विभाग नहीं ढूंढ़ रहा कोई विकल्प

भारख क्षेत्र के लोग कभी पौनी ग्रिड स्टेशन तो कभी डडौआ के साथ जुड़ने से परेशान हैं। बिजली विभाग भारख के लोगों को बेहतर बिजली मुहैया कराने में असमर्थ है। विभाग को ऐसा विकल्प ढूंढना चाहिए, जिससे डडौआ, पौनी और रनसू ग्रिड स्टेशनों से जुड़े लोगों को बिजली की सप्लाई को लेकर कोई समस्या न आए। लेकिन बिजली विभाग अपनी मनमर्जी से कभी इलाका पौनी से जोड़ देता है तो कभी डडौआ के साथ। इससे पौनी और भारख के लोग बिजली की समस्या को लेकर अधिक परेशान हो रहे हैं। मौजूदा समय में पौनी ग्रिड स्टेशन में लगे भारख, पौनी और तलवाड़ा फीडर मिलाकर अधिक लोड नहीं झेल पा रहे हैं। ग्रिड स्टेशन की क्षमता 270 एंपियर तक ही लोड झेलने की है, जबकि लोड उससे काफी अधिक है। भारख को कंडा स्टेशन से जोड़कर हल की जा सकती है समस्या

आधार शिविर रनसू शिवखोड़ी में स्थित 33 केवी रिसीविग ग्रिड स्टेशन में लगा 3.15 एमबीए का ट्रांसफार्मर अपग्रेड कर 6.3 एमबीए कर दिया गया है। अगर बिजली विभाग चाहे तो भारख को कंडा से जोड़कर बिजली मुहैया करवा सकता है, लेकिन मेंटेनेंस विभाग इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। पौनी को छोड़कर रनसू और डडौआ के 33 केवी रिसीविग ग्रिड स्टेशनों पर लोड की क्षमता बहुत कम हो गई है। तहसील में तीन 33 केवी रिसीविग ग्रिड स्टेशन होने के बावजूद बिजली विभाग ग्रामीणों को बिजली की सप्लाई बराबर नहीं मुहैया करवा पा रहा है। बिजली विभाग के 33 केवी लाइन सब ट्रांसमिशन अधिकारियों के मुताबिक भारख क्षेत्र को रनसू फीडर के साथ जोड़ने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। मेंटेनेंस विभाग कंडा से मात्र 200 मीटर की दूरी पर भारख को उक्त स्टेशन से जोड़ सकता है, जिसके बाद पौनी ग्रिड स्टेशन में लोड कम होने के बाद लोगों की समस्या हल हो सकती है। शिवखोड़ी धार्मिक स्थल होने पर वहां इतनी अधिक बिजली कटौती भी नहीं होगी और इससे भारख के लोगों की समस्या भी हल हो सकती है। मेंटेनेंस विभाग पौनी ग्रिड स्टेशन में लोड कम करने के लिए कोई विकल्प नहीं ढूंढ रहा है। हम तीनों ग्रिड स्टेशनों में लोड बराबर करना चाहते हैं, ताकि लोगों को पर्याप्त मात्रा में बेहतर बिजली सप्लाई मुहैया हो सके। मेंटेनेंस विभाग अपनी मनमर्जी से इधर-उधर का इलाका ग्रिड स्टेशनों से जोड़ रहा है, जिससे लोगों को बिजली सप्लाई लगातार मुहैया करवाना मुश्किल हो रहा है। पौनी को छोड़कर भारख फीडर को डडौआ या रनसू के साथ जोड़ने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।

- साहिल केसर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, 33 केवी सब ट्रांसमिशन लाइन पौनी, रियासी।


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