रावण कुंभकरण मेघनाथ व कोरोना के पुतले का दहन
श्री दुर्गा नाटक मंडली द्वारा दशहरे की परंपरा को निभाते हुए ओपन एयर थिएटर परिसर में रावण कुंभकरण और मेघनाथ के साथ ही कोरोना के पुतले का भी दहन किया गया।
संवाद सहयोगी, रियासी : श्री दुर्गा नाटक मंडली द्वारा दशहरे की परंपरा को निभाते हुए ओपन एयर थिएटर परिसर में रावण कुंभकरण और मेघनाथ के साथ ही कोरोना के पुतले का भी दहन किया गया। इस मौके पर पूर्व राज्य मंत्री एवं स्थानीय विधायक अजय नंदा मुख्य अतिथि तथा नगर परिषद प्रधान सुदेश पूरी विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। पुतलों के दहन से पहले कस्बे के चौक चबूतरा से आयोजन स्थल तक ढोल नगाड़े सहित शोभायात्रा भी निकाली गई, जिसमें श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान जी, विभीषण, अंगद, सुग्रीव और वानर सेना का स्वरूप धरे कलाकार शामिल हुए। आयोजन स्थल पर आम लोगों के जमघट को रोकने के लिए ओपन एयर थिएटर के प्रवेश द्वार बंद किए गए थे। थिएटर परिसर में बनाए गए लगभग आदम कद पुतलों का दहन मुख्य मेहमानों मंडली और कुछ मीडिया कर्मियों की मौजूदगी में किया गया। आयोजन की मीडिया द्वारा लाइव कवरेज कर घर बैठे लोगों को दशहरा कार्यक्रम दिखाया गया। जबकि कार्यक्रम देखने के लिए कुछ लोग आयोजन स्थल के समीप की छतों पर चढ़ गए।
वैसे तो मंडली द्वारा हर बार दशहरा स्थानीय स्पोर्ट्स स्टेडियम में मनाया जाता रहा है। यहां हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद रहते थे। लगभग 40 फीट ऊंचे पुतले जम्मू से मंगवा कर आयोजन स्थल पर कारीगरों द्वारा लगाया जाता था। शाम को मुख्य बाजार से स्पोर्ट्स स्टेडियम तक झांकियों व ढोल नगाड़े सहित भव्य शोभायात्रा निकाली जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से सेट डिजाइन के निर्देशक संजय डोगरा की देखरेख में मंडली ने खुद ही पुतले तैयार कर स्थानीय ओपन एयर थिएटर में उनका दहन कर दशहरे की परंपरा निभाई गई।
मंडली के प्रधान संजीव खजूरिया ने कहा कि रामलीला मंचन में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के वध दर्शाए जाने के बाद उनके पुतलों को दहन करने की भी परंपरा है। कोविड-19 के कारण इस बार दशहरा इस तरह से मनाया गया कि कोरोना से सावधानी भी रहे और इस पर्व की मर्यादा भी बनी रहे।